बिहार में भले ही श’राबबंदी लागू हो, लेकिन श’राब तो बिक ही रही है। यहां तक कि पुलिसकर्मी भी श’राब पीते पकड़े जाते रहे हैं। पुलिस मालखाना में श’राब गटक चुके यहां के शराबी चूहे तो गजब चर्चा में रह चुके हैं। ताजा मामला एक गवाह का है, जो मुजफ्फरपुर की अदालत में श’राब के नशे में धुत होकर अदालत में गवाही देने पहुंच गया। उधर, पूर्वी चंपारण के मोतिहारी में भी नशे में टल्‍ली एक सरकारी कर्मी सड़क पर गिरा पड़ा मिला। दाेनों को पुलिस ने गि’रफ्तार कर लिया।

मुजफ्फरपुर के साहेबगंज के प्रतापपट्टी गांव के रामबालक दास व रामदेव दास के बीच बंटवारा वाद का पुराना मामला चल रहा है। इसमें रामदेव दास की ओर से राजकुमार साह गवाही देने एसीजेएम प्रथम पश्चिमी की अदालत में उपस्थित हुआ था। मुख्य परीक्षण तक तो किसी ने उसके चाल-ढाल पर ध्यान नहीं दिया। जब प्रतिपक्ष की ओर से उससे जिरह की जाने लगी तो वह लड़खड़ाने लगा। सही तरीके से जबाव भी नहीं दे रहा था। उसके नशे में होने की बात सामने आने लगी।

शराब पीने की पुष्टि पर हुई गिरफ्तारी

प्रतिपक्षी के अधिवक्ता ने अदालत से शिकायत की तो गवाही रोक दी गई। पीठ लिपिक अनुराग वर्मा ने उसे बैठाकर रखा। इस बीच उसे गवाही दिलाने लाया व्यक्ति वहां से फरार हो गया। सूचना पर पहुंची नगर थाना पुलिस ने ब्रेथ एनालाइजर से जांच की तो शराब पीने की पुष्टि हुई। इसके बाद उसे गिरफ्तार की लिया गया।

उधर, पूर्वी चंपारण में नशे में टल्‍ली एक सरकारी कर्मी को पुलिस ने गिरफ्तार किया। गिरफ्तार उपेंद्र दास श्रम विभाग में कार्यरत है। वह सीतामढ़ी जिले के रीगा का निवासी है। बताया जाता है कि वह शराब के नशे में मोतिहारी नगर थाना क्षेत्र के पटेल चौक के पास गुरुवार देर शाम सड़क किनारे गिरा पड़ा था। सदर अस्पताल में उसके शराब पीने की पुष्टि हुई। उसे शुक्रवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

Input : Dainik Jagran

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