डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने कहा कि शराबबंदी ने बिहार को एक नई दिशा दी है। शराबबंदी से लाखों परिवारों के घरों में खुशी लौटी है। बुधवार को पुलिस सप्ताह के अवसर पर सरदार पटेल सभागार में शराब छोड़ने वालों के साथ सीधा संवाद करते हुए डीजीपी ने कहा कि कई लोग शराबबंदी के पूर्व शराब का पूरा सेवन करते थे लेकिन शराबबंदी कानून के बाद शराब का पूर्ण रूप से परित्याग कर दिया।

डीजीपी ने कहा कि शराब सेवन करने से लोगों के जनजीवन पर बुरा असर पड़ता है। शराब सेवन से मनुष्य का नैतिक व सामाजिक पतन होता है। नशा अपराध को बढ़ावा देता है। मन में नशा युक्त जो विचार आते हैं उसे बुद्धि से नष्ट किया जा सकता है। स्वभाव विजय ही मनुष्य का असली पुरूषार्थ है। मनुष्य को उसकी प्रतिष्ठा की ऊंचाई पर ले जाता है और अपने परिवार , स्वास्थ्य व संपत्ति की रक्षा करता है।

डीजीपी ने शराब छोड़ने वाले व्यक्तियों को ब्रांड एम्बेसडर बनने व समाज में नशामुक्त का प्रतिनिधि बनकर बिहार को नशा मुक्त करने का सुझाव दें। सुपौल की आशा देवी, गोपालगंज की रूबी देवी,अरवल की रीतु कुमारी, औरंगाबाद की मालती देवी, भागलपुर की बिन्दु देवी,जहानाबाद के अजुर्न पासवान,अरवल के रविन्द्र चंद्रवंशी, वैशाली के अशोक कुमार, पूर्णिया के मो. नूर, पटना के मो. मसूद, वैशाली के भागीरथ पासवान ने शराब छोड़ने के बाद अपने सुखमय पारिवारिक जीवन का अनुभव बताया।

Input : Hindustan

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