गुरुवार की सुबह एमआईटी व सिकंदरपुर फीडर घंटों ब्रेकडाउन में फंसा रहा। बाढ़ग्रस्त गायघाट, बंदरा, साहेबगंज, मोतीपुर इलाके में भी बिजली की स्थिति गंभीर बनी हुई है। एनबीपीडीसीएल अधिकारी का कहना है कि रात 2 बजे सिकंदरपुर और एमआईटी फीडर ब्रेकडाउन में फंस गया। जिसकी वजह से शहर के उत्तरी व पश्चिमी इलाके में बिजली आपूर्ति ठप पड़ गई। काफी मशक्कत के बाद गुरुवार की सुबह 8 बजे दोनों पावर सब स्टेशन की बिजली चालू की गई। इस दौरान लोगों को बिजली-पानी की किल्लत झेलनी पड़ी। गायघाट में गुरुवार की दोपहर एनडीआरएफ की मदद से बिजलीकर्मियों की टीम जगह-जगह जाकर बिजली आपूर्ति सामान्य करने में जुटी रही। साहेबगंज, पारू, मोतीपुर के बाढ़ग्रस्त इलाके में पिछले कई दिनों से बिजली आपूर्ति बाधित है।
मीनापुर में भी लोगों को बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है। शहर से जुड़े बाढ़ग्रस्त इलाकों में भी बिजली की स्थिति गंभीर बनी हुई है। लगातार ट्रिपिंग के कारण गुरुवार को शहर के कई इलाकों में बिजली की आवाजाही लगी रही। पिछले 3 दिनों से गंभीर बिजली संकट झेल रहे लोगों के लिए राहत की खबर है। तीन दिनों से ठप पड़े कांटी थर्मल प्लांट की तीन यूनिटों से गुरुवार को बिजली उत्पादन शुरू हो गया। शुक्रवार से बिजली आपूर्ति पूरी तरह से सामान्य हो जाने की उम्मीद है।
राहत की बात : ठप पड़े कांटी थर्मल की तीनों यूनिट चालू, आज से आपूर्ति सामान्य होने की उम्मीद
46 घंटे से बिजली संकट झेल रहे लोगों का सब्र टूटा मैठी चौक के समीप दो घंटे हाईवे जाम कर हंगामा
पिछले 46 घंटे से बिजली आपूर्ति ठप देखकर गुरुवार को उपभोक्ताओं के सब्र का बांध टूट पड़ा और मैठी चौक के समीप करीब 2 घंटे एनएच 57 जाम कर दिया। सूचना पर पहुंची गायघाट व बोचहां पुलिस ने लोगों को समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन लोग अपनी जिद पर अड़े थे। लोगों का कहना था कि जब तक बिजली आपूर्ति बहाल नहीं होगी, तब तक हम लोग सड़क पर ही बैठे रहेंगे। बाद में बोचहां थानाध्यक्ष राजेश रंजन ने बिजली विभाग के अधिकारियों से बातचीत कर लोगों को आश्वासन दिया कि शाम 6 बजे तक हर हाल में बिजली आपूर्ति बहाल किया जाए।
यदि शाम तक बिजली नहीं आई तो आप लोग अपना आंदोलन तेज कर सकते हैं। थानाध्यक्ष ने बताया कि उपभोक्ताओं की मांग जायज थी। पिछले 46 घंटों से मैठी पावर ग्रिड से जुड़े उपभोक्ताओं को बिजली नहीं मिल रही थी। इधर, उपभोक्ताओं का कहना था कि बिजली नहीं रहने के कारण इस भीषण गर्मी में व्यवसाय एवं उद्योग बुरी तरह से प्रभावित रही। बिजली विभाग के अधिकारी इस दौरान अपना मोबाइल ऑफ रखे तो कर्मचारी ग्रिड से गायब रहे। इतना ही नहीं इस ग्रिड में आए दिन बिजली हमेशा गुल रहती है।
सकरा में भी लचर व्यवस्था से उपभोक्ताओं में उबाल
मारकन फीडर एवं सुजावलपुर फीडर के उपभोक्ताओं में बिजली की लचर व्यवस्था के कारण भारी आक्रोश है। पूछने पर बिजली अधिकारियों द्वारा एक ही जवाब दिया जाता है, 33 केवी तार पर पेड़ की डाली गिरी है, इसलिए बिजली आपूर्ति बाधित है। पिछले 36 घंटे से फीडर से जुड़े इलाकों में बिजली गुल है। मारकन निवासी शंभू शरण मिश्र के नेतृत्व में पावर ग्रिड को आवेदन देकर सुधार का अल्टीमेटम दिया गया है।
Input : Dainik Bhaskar