राजद सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) आज शहाबुद्दीन (Shahabuddin) के परिवार से मिलने के लिए सीवान के प्रतापपुर जा रहे हैं. कोरोना गाइडलाइन के तहत तेजप्रताप यादव ने इसकी लिखित सूचना DGP से लेकर सीवान के डीएम और एसपी को दे दी है, ताकि प्रोटोकॉल के हिसाब से सुरक्षा के इंतजाम हों. दरअसल विगत दिनों सीवान में जगह-जगह तेजस्वी यादव और लालू यादव के पुतले जलाए गए थे और पुतलों की चप्पलों से पिटाई भी की गई थी.

शहाबुद्दीन के समर्थकों ने लालू यादव और तेजस्वी यादव मुर्दाबाद के नारे लगाए थे. नाराजगी को देखते हुए तेजप्रताप यादव पहले से ही अलर्ट रहना चाहते हैं. बताते चले कि पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की मौत के बाद ये पहला मौका है जब लालू प्रसाद यादव के परिवार का कोई सदस्य शहाबुद्दीन के परिजनों से मुलाकात करेगा. शहाबुद्दीन के इंतकाल के दिन से अब तक लालू परिवार का कोई सदस्य ना तो दिल्ली और ना ही प्रतापपुर जाकर मुलाकात किया था जिस कारण शहाबुद्दीन के समर्थकों में लालू परिवार के इस रवैये को लेकर काफी नाराजगी दिख रही है.

डैमेज कंट्रोल करने में जुटा लालू परिवार

तेजप्रताप के प्रतापपुर दौरे को लेकर सियासी गलियारे से आने वाले लोगों से लेकर स्थानीय लोग यह मान रहे है कि लालू यादव डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं. दरअसल सीवान के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता शहाबुद्दीन की निधन के बाद से ही राजद में राजनीतिक सरगर्मी तेज है. राजद के रघुनाथपुर से विधायक हरिशंकर यादव ने 8 मई को अपने बयान में कह दिया था कि वो RJD सुप्रीमो लालू यादव और बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को नहीं जानते हैं. मीडियाकर्मियों से बात करते हुए राजद विधायक ने कहा है कि वो शहाबुद्दीन और हीना शहाब परिवार के लिए वफादार हैं और उन्हें लालू यादव और तेजस्वी यादव से कोई मतलब नहीं है. बताया जा रहा है कि हरिशंकर यादव के इस बयान से पार्टी में हड़कंप मचा हुआ है.

सीवान संसदीय क्षेत्र से सांसद रह चुके RJD नेता मो शहाबुद्दीन को जब दिल्ली के डीडीयू अस्पताल में कोरोना संक्रमित होने के बाद भर्ती करवाया गया था तब से लेकर उनके निधन के दिन तक लालू परिवार का एक भी सदस्य शहाबुद्दीन का हाल लेने अस्पताल नही पहुंचा था. और तो और जब मोहम्मद शहाबुद्दीन का इंतकाल हो गया तब भी लालू परिवार की शहाबुद्दीन परिवार से दूरी बनी रही. शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा अकेले ही हालात से निपटते रहे, यहां तक कि पार्टी का कोई नेता दिल्ली नहीं पहुंचा. पार्टी की तरफ से उन्हें कोई मदद नहीं मिली जबकि शहाबुद्दीन मरते दम तक लालू परिवार के वफादार बने रहे.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शहाबुद्दीन की पत्नी हीना शहाब इस बात से काफी नाराज हैं, यही वजह है कि बिहार लौटने के बाद भी वो पार्टी के नेताओं से नहीं मिल रहीं. अब चूंकि तेजप्रताप यादव आज जब शहाबुद्दीन के परिवार उनके बेटे ओसामा से मिलने प्रतापपुर पहुंचेगे तो उस वक़्त यह देखना बेहद अहम होगा कि शहाबुद्दीन के बेटे और उनकी पत्नी हीना शहाब से तेजप्रताप यादव की मुलाकात हो पाती है या नहीं.

Input: News18

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