कोरोना के बढ़ते आंकड़ों के बीच देवउठनी एकादशी से शुरू होने वाले विवाह समारोह के लिए राजस्थान में कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं। आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि शादी-समारोह में 100 से अधिक व्यक्ति शामिल नहीं हों। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि 100 से ज्यादा व्यक्ति शादी में एकत्रित होते है तो जुर्माना राशि को 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रूपए वसूला जाए।

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गहलोत ने कहा कि प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी बाजारों में जाकर यह सुनिश्चित करें कि वहां हेल्थ प्रोटोकॉल का अनिवार्य रूप से पालना हो। उन्होंने निर्देश दिए कि विवाह कार्यक्रमों में निर्धारित संख्या से अधिक लोग नहीं जुटें। इसके लिए अधिकारी विवाह तिथि से पहले आयोजकों से समझाइश करें। आयोजकों द्वारा विवाह समारोह की वीडियोग्राफी करने को अनिवार्य किया जाए। साथ ही अधिक लोगों के एकत्र होने की सूचना या अंदेशा होने पर पुलिस एवं प्रशासन भी वीडियोग्राफी कराए।

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सरकार का उद्देश्य जीवन बचाना

मुख्यमंत्री ने कहा कि मास्क न लगाने पर भी जुर्माना राशि बढ़ाकर 500 रुपए की गई है। जुर्माना राशि बढ़ाने तथा वीडियोग्राफी के इन निर्णयों के पीछे सरकार का मकसद राशि वसूलना या समारोह में व्यवधान डालना नहीं बल्कि भीड़ के एकत्र होने एवं मास्क न पहनने के कारण फैलने वाले कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाना है। उन्होंने कहा कि बीते दिनों त्यौहारी सीजन, चुनाव, सर्दी के मौसम तथा विवाह आयोजनों के कारण प्रदेश में कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। साथ ही रिकवरी रेट के बेहतर होने तथा मृत्यु दर के नियंत्रित होने के कारण लोग मास्क लगाने तथा सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल की पालना में गंभीर लापरवाही बरत रहे हैं। हमें ऐसी स्थिति को रोकना होगा।

Source : Hindustan

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