जिस लड़की की शादी का दिन हो और वह सारे रस्में छोड़कर परीक्षा दे रही हो यह जानकर अटपटा लगेगा लेकिन यह सत्य है। शादी शुक्रवार को थी और दुल्हन के रूप में उस छात्रा के हाथों में मेहंदी लगी थी।
शिक्षा की अहमियत इस कदर कि अपनी शादी में होने वाले समय की चिंता छात्रा के रूप में दुल्हन ने नहीं की और परीक्षा में शामिल हुई। शादी का दिन हो और शाम में बरात दरवाजे लगनी हो इसमें घर का माहौल और उसकी चहल-पहल का अंदाजा सहज ही लग जाता है। मगर इस बीच दुल्हन परीक्षा दे रही हो तो घर वालों की परेशानी समझी जा सकती है।
जी हां, एमडीडीएम से पीजी सेकेंड सेमेस्टर म्यूजिक की छात्रा मनीषा कुमारी शादी से पहले की सारी रस्में छोड़ वह परीक्षा देने विश्वविद्यालय के परीक्षा भवन में पहुंची। परीक्षा से पहले उस हाल में उसको अपना रोल नंबर और सीट आवंटन की सूची देखते हुए लोग भी हैरत में थे।
मोतिहारी के चांदमारी निवासी उसके पिता शिव किशोर सिंह ने बताया कि परीक्षा के लिए सुबह ही आ जाना पड़ा। परीक्षा दोपहर दो बजे से पांच बजे तक थी। तीन घंटे की परीक्षा के दौरान वह सबके आकर्षण का केंद्र बनी रहीं।
शाम में बरात आनी थी। मगर शादी के सारे रस्म छोड़ वह सीधे परीक्षा देने पहुंची थी। हाथों में मेंहदी रची थी। परीक्षा देने आई इस छात्रा को देखकर सहेलियां बधाई दे रही थीं। परिवारवालों ने बताया कि शादी का कार्यक्रम पहले से तय था और दुर्भाग्य से उसी समय परीक्षा की डेट भी पड़ गई। छात्रा मनीषा शादी के नाम पर परीक्षा छोडऩे को तैयार न थी। पिता ने विश्वविद्यालय प्रशासन से उसकी स्पेशल परीक्षा लेने की गुहार भी लगाई थी। मगर सुनवाई नहीं हुई।
Input : Dainik Jagran