लाल रंग का महत्‍व

देवी की आराधना का अर्थ है शक्‍ति की आराधना और पंडित विजय त्रिपाठी जी कहते हैं कि शक्‍ति का रंग है लाल इसीलिए देवी दुर्गा की आराधना में लाल रंग का बहुत महत्‍व है। दुर्गा जी की पूजा के लिए ब्रह्म मुहूर्त सबसे श्रेष्‍ठ होता है। इस लिए शुक्रवार को सूर्योदय से पहले उठ कर नित्‍य क्रियाओं से निर्वत हो कर स्‍नान आदि करके शुद्ध हो जायें। देवी की पूजा के लिए धूप, दीप नैवेद्य, मौलि, फल और फूल एकत्रित करें। देवी को लाल फूल अत्‍यंत प्रिय हैं इसलिए गुड़हल, गुलाब जैसे लाल फूल जरूर रखें। फूल ही नहीं देवी को लाल रंग ही अत्‍यंत प्रिय हैं, इसलिए उन्‍हें तो लाल वस्‍त्र और चूनर चढ़ायें ही स्‍वयं भी लाल वस्‍त्र पहन कर पूजा के लिए उपस्‍थित हों।

ऐसे करें पूजा

अब एक लकड़ी के पटरे पर लाल कपड़ा बिछा कर उस पर मां दुर्गा की मूर्ति या फोटो स्‍थापित करें। उसके सामने आसन बिछा कुश बिछा कर आप बैठे। फिर उनकी आराधना शुरू करें। पूजा में देवी पर जल चढ़ा कर उन्‍हें वस्‍त्र, चूड़ी बिंदी और लाल सिंदूर अर्पित करें फिर, दुर्गा चालीसा का पाठ करें। इसके बाद दुर्गा जी की आरती करें। पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करना भी अत्‍यंत फलदायक रहता है, ‘ॐ श्री दुर्गाय नमः’। मान्‍यता है कि इस मंत्र के जाप से सभी प्रकार की मानसिक, आर्थिक और शारीरिक परेशानियां खत्म हो जाती हैं। शुक्रवार को दुर्गा सप्‍तशती का पाठ करने से भी कष्‍ट दूर होते हैं।

हमारे शास्त्रों में देवी-देवताओं को भोग लगाने का नियम बताया गया है। ऐसा कहा जाता है देवी-देवता हमारे घर में निवास करते है तथा हम उनका घर के सदस्य के रूप में ख्याल रखते हैं और खाने से लेकर उनके सोने का, उनके आराम करने का ध्यान रखते हैं।

ध्यान रखें माता को भोग लगते वक़्त इस मंत्र का उच्चारण करें:

त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये ।

गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।

I just find myself happy with the simple things. Appreciating the blessings God gave me.