जिस घड़ी का आपको बेसब्री से इंतजार था वो घड़ी आ गई है। जी हां लोकसभा चुनावों की मतगणना शुरू हो गई है। EVM और बैलेट पेपर की गिनती साथ हो रही है। NDA 336 सीटों पर आगे है तो UPA भी100 सीटों पर आगे चल रही है। अन्य पार्टियां भी 106 सीटों पर आगे चल रही हैं।
चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार सुबह 11 तक BJP 299 सीटों पर आगे चल रही है। पंजाब की गुरदासपुर सीट से सनी देओल 40 हजार वोटों से आगे चल रहे हैं। उत्तर पूर्वी दिल्ली से मनोज तिवारी 50 हजार वोटों से आगे चल रहे हैं। पूर्वी दिल्ली से गौतम गंभीर 20 हजार वोटों से आगे चल रहे हैं। वहीं उत्तर प्रदेश की मथुरा लोकसभा सीट से बीजेपी की उम्मीदवार हेमा मालिनी, रालोद के उम्मीदवार कुंवर नरेंद्र सिंह से सोलह हजार से ज्यादा मतों से आगे चल रही हैं। हेमा ने 2014 में मथुरा से बीजेपी के ही टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। रामपुर लोकसभा सीट से आजम खान पीछे चल रहे हैं, तो वहीं जया प्रदा काफी आगे चल रही हैं। जया प्रदा को अभी तक 23 हजार से अधिक तो वहीं आजम खान को 21 हजार वोट मिले हैं। आजमगढ़ सीट पर अखिलेश यादव आगे चल रहे हैं। निरहुआ पिछड़ गए हैंं। मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव आगे चल रहे हैं। वहीं भोपाल में साध्वी प्रज्ञा आगे चल रही हैं और दिग्विजय सिंह पीछे चल रही हैं। वहीं अमेठी में राहुल पीछे चल रहे हैं। बेगूसराय सीट से गिरिराज सिंह आगे चल रहे हैं। बिहार की 8 सीटों पर NDA आगे चल रही है।
एक्जिट पोल में NDA को बहुमत : Exit Poll पर नजर दौड़ाई जाए तो इस बार के लोकसभा चुनाव में आजतक एक्सिस माई इंडिया के मुताबिक एनडीए की सरकार आती हुई दिखाई दे रही है। एनडीए की सीटें 300 के पार जा सकती है। वहीं यूपीए के लिए 100 का आंकड़ा भी पार करना मुश्किल नजर आ रहा है।
बता दें कि लोकसभा की कुल 542 सीटें में से बहुमत के लिए किसी भी पार्टी या गठबंधन को कम से कम 272 सीटें चाहिए। आजतक एक्सिस माई इंडिया के मुताबिक 542 सीटों में एनडीए को 339-365 सीटें, यूपीए को 77-108, सपा-बसपा को 10-16 और अन्य के खाते में 69-95 सीटें मिलेंगी।
विपक्ष EVM पर उठा रहा सवाल : एक्जिट पोल के रुझानों से एक तरफ NDA गदगद है तो दूसरी तरफ विपक्ष न केवल एक्जिट पोल, बल्कि पूरी चुनावी प्रक्रिया पर ही सवाल उठा रहा है। ईवीएम पर शंका-आशंका को लेकर विपक्ष के विरोध के बीच विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की भावी सियासी तस्वीर क्या होगी, आज इसका फैसला हो जाएगा।
मोदी बनाम राहुल : देश के 90 करोड़ वोटरों में से 60 करोड़ से ज्यादा ने अगले पांच साल के लिए किसे अपना भाग्यविधाता चुना है, इस पर से भी पर्दा उठ जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी और विपक्ष के बीच करीब दो माह चली चुनावी जंग में किसे मिलेगा ताज और कौन होगा सरताज, यह भी साफ होगा।
2014 में एग्जिट पोल सही साबित हुए : 2014 का लोक सभा चुनाव में मोदी लहर का अनुमान एग्जिट पोल्स में दिखा था। ज्यादातर एग्जिट पोल्स में सभी ने भाजपा नीत एनडीए की जीत को सुनिश्चत करार दिया था। इसमें एक एजेंसी ने एकदम सही कयास लगाया था। एजेंसी ने बीजेपी को 291 और एनडीए को 340 सीटें मिलने का अनुमान लगाया था। रिजल्ट के दिन 543 सीटों में से बीजेपी को 282 और एनडीए को 336 सीटें मिलीं थीं। इसमें यूपीए 59 सीटों पर सिमट कर रह गई थी। जबकि अनुमान 97-135 सीटें मिलने का था। इसमें कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं।
धराशायी हो गए थे 2004 के एग्जिट पोल : चुनावी सर्वे एजेंसियों के लिए 2004 का लोक सभा सबसे ज्यादा निराश करने वाला था। इस चुनाव में सारी एजेंसियों के आकलन फेल हो गए थे। इसे सबसे बड़ा फेल्योर माना गया। सभी एजेंसियों ने ‘इंडिया शाइनिंग’ का नारा देने वाली एनडीए को दोबारा जनादेश मिलने का अनुमान लगाया था। रिजल्ट के दिन एनडीए 200 का आंकड़ा भी नहीं छू पाई थी। 1999 में कारगिल युद्ध जीतने के बाद भी एनडीए 189 सीटों तक सिमट कर रह गई थी। इस चुनाव में 222 सीटें हासिल करने वाली यूपीए ने समाजवादी पार्टी (SP) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) के सहयोग से सत्ता हासिल की।
2009 के एग्जिट पोल भी फेल हुए : 2009 का लोकसभा चुनाव भी एक तरह से सर्वे एजेंसियों का फेल्योर रहा। इस चुनाव में एजेंसियों ने UPA को 199 और NDA को 197 सीटें मिलने का कयास लगाया था। जबकि यूपीए जबरदस्त बढ़त लेते हुए 262 संसदीय सीटों पर लोगों का विश्वास जीतने में कामयाब रही। एनडीए को 159 सीटों पर संतोष करना पड़ा था।
Input : Live India