जनकनंदनी सीता का शनिवार को पवित्र गंगासागर तालाब पर मटकोर पूजन हुआ। हजारों की भीड़ गवाह बनी। पवित्र मिट्टी को जगत जननी ने अपने हाथों से खोदकर निकाला। इसी मिट्टी से वेदी का निर्माण होगा। रविवार को श्रीराम-जानकी विवाहोत्सव होगा। इसके लिए जानकी मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। इसी मंदिर परिसर में भव्य मंडप का निर्माण किया गया है। विवाह को देखने के लिए लाखों लोग जनकपुर पहुंचे हैं।

इससे पहले शाम को जानकी मंदिर परिसर से गाजे-बाजे के साथ सीता स्वरूप के साथ हजारों की भीड़ गंगासागर तालाब पहुंची। स्नान के बाद जानकी ने नया वस्त्र धारण किया। मुख्य रूप से सात सुहागिन महिलाएं मटकोर के गीत गा रही थीं। मिट्टी को डाला में रखकर भीड़ फिर मंदिर के लिए प्रस्थान की। वहां मौजूद महिलाएं खोइंछा पसार कर मां जानकी के हाथों से प्रसाद पाना चाह रही थीं। मूंगफली, चना, खीर का प्रसाद बांटा गया।
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बहू लेने आए हैं

मटकोर देखने के लिए अयोध्या से कुछ महिलाएं भी आई हैं। आरती देवी पिछले कई वर्षों से यहां आ रही हैं। कहती हैं, बहू लेने आए हैं। अवध में यहां के कई विधि-विधान नहीं होते। यहां आकर यह सब देखना अच्छा लगता है। वापस जाकर वहां की महिलाओं के साथ इस क्षण को साझा करूंगी।

मंदिर परिसर ही बना आवास

जनकपुरधाम में विवाहोत्सव देखने के लिए लाखों लोग पहुंचे हैं। शहर में कहीं भी जगह नहीं बची। जिनके सगे संबंधी यहां नहीं हैं, उनके लिए मंदिर परिसर ही आवास बन गया है। ठंड के बाद भी वे विवाहोत्सव के गवाह बनना चाह रहे हैं। कई परिवार के साथ आए हैं।

विवाहोत्सव के लिए आज अवकाश

विवाहोत्सव को लेकर प्रदेश दो में रविवार को अवकाश घोषित किया गया है। आमतौर पर नेपाल में शनिवार को अवकाश रहता है। मगर, श्रीराम-जानकी विवाह में अधिक से अधिक लोग शामिल हो सकें, इसलिए अवकाश घोषित किया गया है।

 

पुनौरा धाम व जानकी स्थान में भी आयोजन

पुनौरा धाम में भी हल्दी और मटकोर पूजन की रस्म हुई। मंदिर के महंत कौशल किशोर दास के नेतृत्व में रविवार को होने वाले विवाहोत्सव की तैयारियां जारी हैं। उधर, जानकी स्थान में भी मटकोर पूजन हुआ। महंत विनोद दास ने बताया कि रविवार को शहर में तीन बजे भगवान श्रीराम की बरात निकलेगी। विशाल रथ पर भगवान राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की झांकी आकर्षण का केंद्र होगी। शाम को परिछावन होगा। शहर भ्रमण के बाद उर्विजा कुंज पर विवाहोत्सव होगा। रविवार की देर राम महाप्रसाद का वितरण होगा। सोमवार को रामकलेवा के साथ बरात की विदाई होगी।

Input : Dainik Jagran

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