सरकार भारतनेट से जुड़े देश के सभी गांवों में अगले साल मार्च तक मुफ्त वाई-फाई सेवा देगी। केंद्रीय संचार, सूचना प्रौद्योगिकी और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इससे देश में भारतनेट सेवा को प्रोत्साहन मिलेगा और इसका विस्तार होगा। उन्होंने कहा कि देश में अभी तक 1.30 लाख ग्राम पंचायतें भारतनेट से जुड़ चुकी हैं। सरकार का इरादा देश की ढाई लाख पंचायतों को भारतनेट के तहत ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने का है। फिलहाल देश के 48,000 गांवों में भारतनेट के जरिये वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध है।
बुधवार को हरियाणा के रेवाड़ी स्थित गुरावड़ा गांव को डिजिटल गांव घोषित करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के जरिये सरकार हर गांव में बैंकिंग सेवाएं भी उपलब्ध कराएगी। इसकी तैयारी की जा रही है। सरकार देश में एक लाख डिजिटल गांव बनाने के लक्ष्य पर काम कर रही है। हरियाणा के इस गांव में प्रदेश सरकार की सभी सेवाएं सीएससी के जरिये उपलब्ध हैं। इनमें बैंकिंग से लेकर पेंशन तक के लिए लोगों को शहर नहीं जाना पड़ता। प्रसाद ने कहा कि सीएससी ने शहरी सेवाओं को गांव में ला दिया है। उन्होंने गुरावड़ा में सीएससी चला रही महिला सोनू बाला को सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस सुशासन दिवस पर इस गांव को डिजिटल गांव में बदलकर उन्हें खुशी हो रही है। इसकी वजह यह है कि स्वयं अटल बिहारी वाजपेयी का कहना था कि लोगों को सशक्त बनाने के लिए प्रशासन को उत्तरदायी बनाना होगा। डिजीटल सशक्तता से यह काम काफी सरल होगा। एक क्लिक पर आम नागरिक कोई भी सरकारी सेवा हासिल कर पाएगा। प्रसाद ने कहा इस दिशा में सीएससी अहम भूमिका निभा रहे हैं। देश में डिजिटल सेवाएं दे रहे सीएससी की संख्या पिछले पांच साल में 60 हजार से बढ़कर 3.6 लाख हो गई है। कॉमन सर्विस सेंटर के सीईओ डॉ. दिनेश त्यागी ने कहा कि डिजिटल गांव की घोषणा 2015-16 के बजट में की गई थी। हमने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पांच गांवों को डिजीटल बनाया था। उनकी सफलता को देखते हुए सरकार ने हमें देश के हर गांव को डिजिटल बनाने का दायित्व दिया है। इसके माध्यम से लोगों को उनके गांव में बैंकिंग सेवा, टेलीमेडिसन, टेलीएजुकेशन सहित सैकड़ों सेवाएं दी जाती हैं। लोगों को डिजीटल साक्षर बनाने का कार्य भी किया जाता है। इसके अलावा यहां एलईडी बल्ब, सैनेटरी नैपकिन, पेपर बैग बनाने का कार्य भी किया जाता है।