सड़क चौड़ीकरण के लिए नगर निगम ने कंपनीबाग रोड में शहीद खुदीराम बोस स्टेडियम के पास से झुन्नू साह के मजार और जूरनछपरा चौक से दो मंदिरों को हटाने का नोटिस जारी किया है। 15 दिनों के अंदर इन धार्मिक स्थलों को हटाने का नगर निगम ने समय दिया है। पेशकार शाखा को जारी नोटिस को मंदिर और मजार पर चिपकाने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, आस्था के कारण नगर निगम के पेशकार शाखाकर्मी ने नोटिस चिपकाया नहीं, बल्कि इसे रिसीव कराने के लिए मंदिर के पुजारी और मजार के सेवैत को ढूंढ़ा।
नगर निगम के पेशकार शाखा प्रभारी आलोक कुमार वर्मा ने बताया कि मंदिरों के पुजारी मौके पर नहीं मिले। बाबा झून्नु साह मजार के सेवैत रामकृष्ण रजक नोटिस लेने के बजाय अपना मौखिक पक्ष रखने नगर निगम कार्यालय आ गए। उन्होंने शाखा प्रभारी से कहा कि मजार के पीछे से नाला का निर्माण हो सकता है। इसको लेकर मापी के समय भी नगर निगम की टीम से बात हुई थी। आलोक वर्मा ने सेवैत को समझाया कि मजार को शहर के किसी दूसरे कब्रिस्तान में शिफ्ट किया जा सकता है। इस पर रामकृष्ण रजक ने कहा निगम प्रशासन खुद मजार को दूसरी जगह शिफ्ट करे। मजार हटाने के लिए वह अपनी ओर से कुछ नहीं करेंगे।
जुब्बा सहनी पार्क रोड में रुका पड़ा है सड़क निर्माण : मिठनपुरा से पानी टंकी चौक तक सड़क निर्माण के दौरान भी मदनानी गली के पास से मंदिर को शिफ्ट कराने के लिए नोटिस जारी किया गया था। हालांकि अभी तक मंदिर शिफ्ट नहीं हुआ है। इसको लेकर सड़क के इस अंश में निर्माण रुका हुआ है। अब तक मंदिर को शिफ्ट करने का कोई आधिकारिक निर्णय नहीं हुआ है।
आमगोला ओवरब्रिज से आरडीएस कॉलेज तक हटाई 600 दुकानें
ट्रैफिक की रफ्तार में बाधक बन रहे सड़क पर अतिक्रमण को हटाने का अभियान सोमवार को आमगोला ओवरब्रिज से आरडीएस कॉलेज तक चलाया। इस रूट में सड़क को कब्जा कर सबसे अधिक दुकानें बनाई गई थीं। निगम कर्मियों ने दावा किया कि इस रूट से 600 से अधिक अस्थायी दुकानों को ध्वस्त किया गया। इधर, सड़कों पर कब्जा कर बनाई गई पक्की दुकानें और मकानों को तोड़ने की कार्रवाई अब तक जमीन मापी के नाम पर ही सिमटी हुई है। सुबह 11.30 बजे से अतिक्रमण हटाओ अभियान के लिए नगर निगम की टीम पुलिस जवानों के साथ आमगोला पहुंची। नगर निगम के बुल्डोजर से सड़क पर बनी ढाठ की दुकानों को तोड़कर ध्वस्त कर दिया। कई दुकानदार टूटे हुए मलबे को उठाकर भागे। हालांकि इसे जब्त करने का निर्देश दिया गया था। इस क्रम में नगर निगम के सिटी मैनेजर ओमप्रकाश ने कब्जा हटाने में आनाकानी कर रहे एक दुकानदार से 5000 रुपए जुर्माना भी वसूला।
Source : Hindustan
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