राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम से जिले को जोड़ा गया है। इसके साथ ही सदर अस्पताल में हेपेटाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर (निवारण केंद्र) खोलने की कवायद तेज हो गई है। इससे जिले में सरकारी खर्च पर हेपेटाइटिस मरीजों का इलाज हो सकेगा। पटना में मॉडल ट्रीटमेंट सेंटर रहेगा, जहां रेफर किए गए मरीजों का इलाज किया जाएगा। सेंटर खोलने से पहले आइडीएसपी प्रभारी मो. युनूस व सदर अस्पताल के प्रबंधक प्रवीण कुमार को प्रशिक्षण दिया गया है। मेडिसिन विशेषज्ञ चिकित्सक को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद अलग ओपीडी काम करने लगेगी।

मुख्यालय ने भेजी जांच किट : राज्य मुख्यालय से हेपेटाइटिस जांच के लिए 50 किट तत्काल भेज दी गई है। उपाधीक्षक व प्रबंधक का संयुक्त बैंक खाता खुलने के बाद उसमें ओपीडी में आवश्यक काम के लिए धनराशि भेजी जाएगी। ओपीडी के लिए अलग से टेक्नीशियन व डाटा ऑपरेटर बहाल होंगे। प्रतिदिन मरीजों की जांच और रिपोर्ट राज्य मुख्यालय को जाएगी। मालूम हो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के सदस्य देशों ने वायरल हेपेटाइटिस को वर्ष 2030 तक समाप्त करने का संकल्प लिया है। इसी कड़ी में भारत सरकार ने भी वर्ष 2030 तक वायरल हेपेटाइटिस के उन्मूलन की दिशा में प्रतिबद्धता जताते हुए राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम प्रारंभ किया।

हेपेटाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर खुलने के बाद मरीजों को काफी मदद मिलेगी। जल्द से जल्द सदर अस्पताल में ओपीडी खुले, इसकी कवायद चल रही। -डॉ. एसपी सिंह, सिविल सर्जन

जांच के लिए मेडिकल कॉलेज

पैथोलॉजी जांच के लिए भागलपुर, गया, पटना, दरभंगा व मुजफ्फरपुर के मेडिकल कॉलेज को चयनित किया गया है।

50 किट राज्य मुख्यालय से तत्काल भेज दी गई है हेपेटाइटिस जांच के लिए

2030 तक वायरल हेपेटाइटिस के उन्मूलन की दिशा में जताई गई प्रतिबद्धता

राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम से जुड़ा मुजफ्फरपुर

अब सरकारी खर्च पर हेपेटाइटिस मरीजों का हो सकेगा इलाज, पटना में मॉडल ट्रीटमेंट सेंटर रहेगा, जहां रेफर मरीजों का होगा इलाज

Input : Dainik Jagran

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