राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण प्रतियाेगिता में जब शहर पिछड़ता है, ताे नगर निगम प्रशासन माथा पीटता है। प्रशासनिक स्तर पर कई बहाने सामने आते हैं। …और नए सिरे से नंबर वन बनने का संकल्प लेकर माैन धारण कर लिया जाता है। लेकिन, स्थिति यह है कि शहर की सफाई के लिए संसाधन जुटाने का एक और माैका निगम प्रशासन जानबूझ कर गंवा रहा है। सफाई उपकरणाें की खरीदारी व अन्य नगरीय सुविधाओं के लिए नगर निगम के काेष में फिलहाल 9 कराेड़ रुपए पड़े हैं। लेकिन, निगम के अधिकारी उपकरणाें की खरीदारी से भाग रहे हैं। मार्च के अंत तक उपकरणाें की खरीदारी नहीं हुई ताे उक्त राशि नगर निगम से विभाग काे लाैट जाएगी।

व्यवस्था की बात करें ताे वार्डाें में सफाई के लिए बाल्टी और डस्टबिन तक नहीं है। इस वजह से शहरवासियाें काे गंदगी और उफना रहे नालाें का सामना करना पड़ता है। निगम बाेर्ड की बैठक में भी इस समस्या काे लेकर बवाल हाे चुका है। लेकिन, नगर आयुक्त के आदेश के बावजूद क्रय समिति की बैठक नहीं हाे रही है। बताया जाता है कि नगर निगम में पूर्व के ऑटो टिपर घाेटाला मामले में कार्रवाई तेज हाे गई है। ऐसे में निगम में चर्चा है कि सामान की खरीदारी करने से अधिकारी बच रहे हैं। इसलिए जानबूझ कर क्रय समिति की बैठक टाली जा रही है।

इन बुनियादी सफाई उपकरणों की भी भारी कमी

  • कुदाल
  • बेलचा
  • फरुआ
  • टाेकड़ी

25 ट्रैक्टर-ट्राॅली में है लीकेज नालों से नहीं उठ पाता है सिल्ट

नगर निगम के बहलखाना वर्कशाॅप में 25 ऐसी ट्रैक्टर-ट्राॅली हैं जाे जर्जर हाेने के कारण जगह-जगह लीक हैं। नालाें से सिल्ट निकालने या कूड़ा ढाेने में सफाई कर्मचारियाें काे काफी परेशानी हाेती है। एक वर्ष से इसी व्यवस्था में निगम के सफाई कर्मचारी काम कर रहे हैं। दूसरी ओर पिछले एक वर्ष से कई वाहनाें में बैट्री नहीं है। इस कारण चालकाें काे परेशानी हाेती है।

IAS MANESH MEENA

वार्ड 49 और पानी टैंकर महज 13 खरीद का प्रस्ताव भी अटका पड़ा है

गर्मी में पेयजल व्यवस्था काे तैयारी के नाम पर सिर्फ घाेषणाएं हाे रहीं। लेकिन, सबसे अहम पानी टैंकर खरीदारी की फाइल भी अटकाकर रखी गई है। निगम क्षेत्र में 49 वार्ड हैं। लेकिन, महज 13 पानी के टैंकर हैं। पिछले वर्ष कई वार्डाें में लाेगाें काे भाड़ा पर पानी टैंकर की व्यवस्था करनी पड़ी थी। इसके साथ ही पंप हाउस में माेटर की मरम्मत से जुड़ी दर भी नहीं तय की जा रही है। इस कारण मरम्मत कार्य में 3-4 दिन लग जाते हैं।

इनपुट : दैनिक भास्कर

 

 

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