विश्वस्तरीय समस्याओं में से एक गंभीर समस्या है- प्लास्टिक। इसे सड़ने में हजारों सालों का समय लग जाता है। पानी के लिए इस्तेमाल की जानी वाली बोतलों को खाली हो जाने के बाद लोग इधर-उधर फेंक देते हैं। लेकिन, हम में से शायद ही कुछ लोग इस तथ्य से परिचित होंगे कि इन्हें नष्ट होने में करीब 450 साल लग जाते हैं।
प्लास्टिक न सिर्फ हमारे पर्यावरण के लिए ही हानिकारक है, बल्कि यह हमारे पारिस्थतिकी तंत्र को भी बहुत नुकसान पहुंचाता है। इसे जलाने से जहरीली और जानलेवा गैस उत्पन्न होती है। लेकिन, अब इस प्लास्टिक कचरे से छुटकारा पाने के लिए लोगों ने एक नया तरीका खोज निकाला है। देश में कई स्थानों पर इन खाली बोतलों का इस्तेमाल निर्माण कार्यों में किया जा रहा है जो कि एक अच्छी और स्वस्थ पहल है। असल में, देश में कचरे के विशाल पहाड़ बन रहे हैं जिसमें 50 फीसदी प्लास्टिक कचरा शामिल है। यह एक गंभीर और चिंता का मुद्दा है। लोग प्लास्टिक से जुड़ी चीजों को इतना खरीद और बेच रहे हैं जो पर्यावरण के दृष्टिकोण से बेहद खतरनाक है। अब हम दो खरब टन प्लास्टिक उत्पन्न कर चुके हैं और इसमें प्रतिदिन बढ़त होती जा रही है। प्लास्टिक का रिसाइकिल करने के लिए पर्यावरण से जुड़े कार्यकर्ताओं ने कई तरह की मुहिम चलाई हैं, जिनमें से एक ईको ब्रिक का निर्माण है। इस निर्माण में प्लास्टिक की खाली बेकार बोतलों का उपयोग करके घर की दीवारें और चहारदीवारी बनाई जा रही हैं। प्लास्टिक को कम करने का ये सबसे कारगर तरीका है। प्लास्टिक की इन खाली बोतलों में प्लास्टिक कचरा भरा जाता है। उसके बाद बोतलों को बंद करके ईंटों की जगह इस्तेमाल किया जाता है। प्लास्टिक की बोतलें ईंटों की तरह मजबूत और टिकाऊ होती हैं। ऐसा करके पर्यावरण को फायदा पहुंचाया जा सकता है। यह प्लास्टिक के कचरे के खिलाफ लड़ने में भी मददगार साबित होगा।
आइये, हम सब भी कुछ ऐसा ही कदम उठायें जिससे हमारा पर्यावरण संरक्षित हो सके। आप भी कमेंट करके हमें बताएं कि पर्यावरण की रक्षा के लिये क्या-क्या कदम उठाये जा सकते हैं।