11 हजार की बहाली और 15 लाख परीक्षार्थी , बिहार के युवाओं का ऐसा बुरा हाल बना दिये है हमारे नेताओं ने अपने वोट बैंक के चक्कर में , नीतीश कुमार ने बिहार को बेरोजगार में नंबर एक बना के रख दिया है।

26 जनवरी को नीतीश कुमार अपने फायदा के लिए मानव शृंखला लगा कर आखिर कौन सा तीर मारना चाहते है???

आख़िर गणतंत्र दिवस के दिन मानव शृंखला लगा कर नीतीश बिहार के बेरोजगारी को दर्शाना चाहते है?? फिर मानव शृंखला लगा कर कौन-नौटंकी करना चाहते है???

क्या नीतीश कुमार को नीचे फोटो में बेरोजगारी का मानव शृंखला नहीं दिखता है?? ये मानव शृंखला बिहार में होनेवाली कांस्टेबल परीक्षा के लिए है,ये शृंखला हमारे बिहार के बेरोजगारी को दर्शाती है ,आखिर बिहार में इतनी बेरोजगारी क्यों बढ़ रही है??, नीतीश कुमार बिहार के लोगों को सुशासन के नाम गुमराह किये है, कुछ भी विकास नहीं हुआ है , नीतीश कुमार ने सिर्फ उल्लू बनाने का काम किया है, आज का बिहार से बेहतर 80 के दशक वाली बिहार थी, लेकिन हमारे माननीय नेताओं श्री जगन्नाथ मिश्रा, लालू प्रसाद यादव, रामविलाश पासवान, शरद यादव, नितीश कुमार ने बिहार को सिर्फ वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किये है और ये सभी नेता सिर्फ अपने फायदा के लिए बिहार बर्बाद के राह पर धकैल् दिया , ये सभी नेताओं ने बिहार में मुख्यमंत्री के कुर्शी के लिए जात, धर्म का राजनीति किया और बिहार के भोली-भाली जनता को मूर्ख बनाया, विकास के नाम पर बिहार को विनाश कर दिया।

अभी बिहार में भयावह बेरोजगारी है, गुंडागर्दी है, माफिया राज है, सभी सरकारी विभाग में में कमीशनखोरी का राज है, स्कूल का हाल बेहाल है, स्वास्थ्य विभाग का बुराहाल है, लेकिन नीतीश कुमार को ये सब छोड़ कर सिर्फ मानव शृंखला पर ध्यान है, नीतीश जी हमलोगों को बेवकूफ समझते है, वैसे बिहार का जनता है ही बेवकूफ है जो ऐसे नेताओं को जात और धर्म के वजह से वोट करते है।

आज बिहार में एक भी बड़ी कंपनी की कारखाना नहीं है, ना तो इंफोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज(TCS), विप्रो (Wipro) जैसी दिग्गज आईटी सेक्टर (IT-sector) जैसी कंपनी है, सिर्फ नीतीश कुमार के पास बिहार को बेरोजगार बनाने की कंपनी है, स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी तक में पढ़ाई – लिखाई चौपट हो गया है, बिहार के नेताओं ने बिहार को राजनीति का फार्महाउस बना के रख दिया है, सभी नेताओं के बिहार राजनीति का रखैल हो गया है, ये सभी नेताओं का एक ही वसूल है “अपना काम बनता और भाड़ में जाए जनता” है, बिहार के लोगों को जागरूक होना होगा , सोचना होगा आखिर वोट ऐसे नेता को क्यों दे, सिर्फ बिजली, सड़क से पेट नहीं भरता है।

हम और आपको आगे आना होगा ऐसे नेताओं से छुटकारा पाने के लिए जो हमलोगों को सिर्फ वोट बैंक बना कर रख दिये है, अपना वोट बैंक के लिए बिहार बर्बाद कर दिया, जो बिहार को बीमारू राज्य बना के रख दिया, आज बिहार के लगभग लोग कमाने- खाने के लिए दूसरे राज्य पर निर्भर है, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा में हमारे बिहारी लोग गाली सुन सुन के काम करते है, ये नेता लोग बिहार विकसित करने के बजाय बिहार को और रसातल में पहुँचा दिया , आज अच्छी शिक्षा के बिहार के लगभग छात्रों को दूसरे राज्य जाना पड़ता है आखिर क्यों?? आप सोचिये आज बिहार के इस बदहाली के लिए हमलोग जिम्मेदार है या नेता???

Courtesy : Sandeep Jha

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