मुंबई से गोवा से जा रहे क्रूज जहाज में इस महीने की शुरुआत में हुई छापेमारी का विवाद बढ़ता जा रहा है. एक तरफ शाहरुख खान के बेटे आर्यन जेल में बंद हैं तो दूसरी ओर महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक बनाम एनसीबी जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के बीच टकराव चल रहा है. समीर वानखेड़े की अर्जी पर गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई हुई, जहां से उन्हें राहत मिल गई है. कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार के वकील ने कहा कि यदि वानखेड़े को मामले में गिरफ्तार किया जाता है तो उन्हें तीन दिन पहले नोटिस दिया जाएगा.
समीर वानखेड़े ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अर्जी दायर करके अंतरिम सुरक्षा की मांग की थी. साथ ही, एनसीबी अधिकारी ने कहा था कि यदि उनके खिलाफ जांच की जाती है तो वह जांच केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) करे. इस समय मुंबई पुलिस उनके खिलाफ जांच कर रही है.
Mumbai | Narcotics Control Bureau Zonal Director Sameer Wankhede approaches Bombay High Court over "apprehensions that Mumbai Police may arrest him."
The arguments on the matter is being heard by the Division Bench of Bombay HC
— ANI (@ANI) October 28, 2021
हाई कोर्ट में गुरुवार दोपहर हुई सुनवाई में महाराष्ट्र सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि उनके पास समीर वानखेड़े के खिलाफ चार अलग-अलग याचिकाएं हैं. वानखेड़े के खिलाफ एसीपी लेवल अधिकारी जांच कर रहे हैं. यह जांच अभी हाल ही में शुरू हुई है. हमने वानखेड़े के खिलाफ कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं की है. ऐसे में यह एप्लीकेशन अभी शुरुआती स्टेज पर ही है.
समीर वानखेड़े की याचिका पर सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार के वकील ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि मुंबई पुलिस अगर वानखेड़े को गिरफ्तार करेगी तो तीन दिन पहले नोटिस देगी. बता दें कि समीर वानखेड़े के खिलाफ आर्यन खान मामले के गवाह प्रभाकर शेल ने भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लगाए थे.
उन्होंने दावा किया था कि यदि आर्यन को छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपये मांगे गए, जिसमें से 18 करोड़ पर सहमति बनी. इसमें से आठ करोड़ वानखेड़े को दिए जाने थे. दस करोड़ रुपये एनसीबी में बंटते. इसके अलावा भी मंत्री नवाब मलिक ने वानखेड़े के खिलाफ कई अन्य आरोप भी लगाए हैं.
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