जंक्शन पर बाेतल चुनकर अपने परिवार का भरण-पाेषण करने वाले छाेटे-छाेटे बच्चाें के मानसिक व शैक्षणिक स्तर सुधारने के लिए रेल पुलिस ने गुरुवार से पाठशाला शुरु की। इस पाठशाला का नाम प्रयास दिया गया है। रेल एसपी अशाेक कुमार सिंह के नेतृत्व में शुरू इस पाठशाला में पहले दिन 21 बच्चाें का नामांकन किया गया। रेल थानाध्यक्ष अच्छेलाल सिंह यादव ने इन बच्चाें काे शिक्षा का ककहरा पढाया। इन बच्चाें के बीच स्लेट, पेंसिल, किताब व काॅपी भी बांटी गई। बाद में बच्चाें के बीच बिस्कुट, चाॅकलेट अादि भी बांटे गए। प्रतिदिन सुबह 10 से दोपहर 12 बजे के बीच इन बच्चाें काे पढ़ाया जाएगा। हर दिन ऐसे बच्चाें काे इस पाठशाला से जाेड़ने के लिए अभियान चलाया जाएगा। बाद में बच्चाें का स्कूलाें में भी दाखिला कराया जाएगा।
होली पर बच्चों के जीवन में बदलाव का लिया था संकल्प : रेल एसपी
जंक्शन के 6 नंबर प्लेटफॉर्म के सामने पुलिस क्लब में इस पाठशाला की शुरुअात की गई है। रेल एसपी ने बताया कि हाेली के दिन इन बच्चो के साथ हाेली खेलने के क्रम में इनकी जीवन शैली व गरीबी देखकर यह तय किया था कि इन बच्चाें के स्तर में विकास के लिए काम करेंगे। उन्हाेंने बताया कि जंक्शन पर बाेतल चुनने वाले व गरीबी के कारण स्कूल से इन वंचित बच्चाें के शैक्षणिक, मानसिक, सामाजिक स्तर में विकास हाेगा। बताया कि इन बच्चों को जीआरपी के ही अधिकारी बारी-बारी से प्रतिदिन दो घंटे का ट्यूशन पढाएंगे।
स्कूलों में बच्चों का कराएंगे दाखिला
भारतीय रेल पुलिस संगठन के सहयोग से इन बच्चों काे बोतल चुनने के काम से हटाकर स्कूलों में नामांकित कराया जाएगा। बताया कि वे इन बच्चों के गार्जियन से भी बात करेंगे। इन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए वे सतत प्रयास करेंगे। बताया कि रेल जिला के सभी स्टेशनों पर ऐसे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी।
Input : Dainik Bhaskar