मानव जीवन को तबाह करने वाले विदेशी वायरस कोविड 19 से अभी उबरे भी नहीं कि पेट पर लात मारने की साजिश शुरू हो गई। जैव विविधता को नष्ट करने वाले खतरनाक बीज अज्ञात स्रोत से पार्सल के माध्यम से पहुंच रहा है। केन्द्र ने इस विदेशी साजिश से सतर्क रहने की सलाह राज्य सरकार के साथ किसानों को भी दी है।

केन्द्र ने बिहार कृषि विश्वविद्यालय और बिहार सरकार को भेजे गये पत्र में कहा है कि खतरनाक बीज के माध्यम से बीमारी फैलाने की साजिश का शिकार बिहार भी हो सकता है। कई फसलों के ऐसे बीज दुनिया के कई देशों में पार्सल के माध्यम से भेजे जा रहे हैं। इससे पूरी राज्य की फसल प्रणाली को नष्ट करने के साथ मानव स्वास्थ्य को भी हानि पहुंचाने की साजिश चल रही है। अब तक इसके स्रोत का पता नहीं चल पाया है।

केन्द्र सरकार ने सरकार को कहा है कि बीज का कोई पैकेट बिना देखें नहीं खोलें। साथ ही भेजने वाले का नाम पता की सही जांच कर ही पैकेट खोलने की सलाह दी गई है। सरकार ने किसानों को भी सतर्क करते हुए कहा है कि सरकार के स्तर पर सावधानी से विफल होने के बाद साजिशकर्ता सीधे किसानों को प्रभावित कर सकते हैं। अमेरिका ने इस साजिश को कृषि तस्करी की संज्ञा दी है। साथ ही अमेरिका ने कई ऐसे पैकेट की जांच कर इसके खतरनाक पहलू से दूसरे देशों को अवगत कराया है। कई दूसरे देशों में भी ऐसे पैकेट मिले हैं।

राज्य में विदेशी कीटों का फसल पर प्रभाव पड़ना कोई नई बात नहीं है। सबसे पहले पार्थेनियम अमेरिका से भारत में आया था। अब उसका खतरनाक रूप तो नहीं है लेकिन लेकिन बिना लगाये बड़े रकबे में अब भी उग जाता है। अभी फाल आर्मी वर्म का प्रकोप भी बिहार के कई हिस्से में होने लगा है। इससे मक्के की फसल नष्ट हो जाती है। फसल को नष्ट करने वाला यह कीड़ा भी अमेरिका से ही बिहार आया है। इसके अलावा केला, लीची और आम की फसल को बर्बाद करने वाले भी कई विदेशी कीड़े राज्य में धीरे-धीरे सक्रिय होने लगे हैं।

Input : Live Hindustan

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