खुला खाद्य तेल बेचे तो जेल हो सकती है। छह महीने से लेकर उम्र कैद तक की सजा हो सकती है। साथ में एक से दस लाख तक का जुर्माना भी। केन्द्र सरकार ने खुले खाद्य तेल की बिक्री पर रोक लगा दी है। साथ ही इसका कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने यह निर्देश सभी राज्यों के खाद्य सचिवों को भेजा है।

careful now sale of open edible oil will be strictly prohibited in all state including bihar if sol

कोरोना महामारी के फैलने के बाद केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय इसको लेकर ज्यादा सतर्क हो गया है। सरकार का मानना है कि खुला तेल बेचने में मिलावट की आशंका बनी रहती है, जिसका स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव होता है। केन्द्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि वर्ष 2011 में बने कानून में ही खुले तेल की बिक्री पर रोक है। लेकिन, कई राज्यों से अब भी शिकायतें मिल रही हैं कि खुला तेल धड़ल्ले से बिक रहा है। राज्य सरकार को इस पर सख्त कराई करनी चाहिए और हर हाल में खुला तेल की बिक्री पर रोक लगनी चाहिए।

Mustard oil, once king of the kitchen, sees fewer buyers

राज्य में चार हजार करोड़ का व्यापार

राज्य में खाद्य तेल के रूप में ज्यादा सरसों तेल औ रिफाइंड की बिक्री होती है। ब्रांडेड कंपनियां तो पैक तेल ही बेचती हैं, लेकिन इसे खरीद कर खुदरा बेचने वाले व्यापारी खोलकर बेचते हैं। यहां लगभग आठ कंपनियों के तेल की बिक्री होती है। इसके लिए लगभग 250 वितरक राज्यभर में विभिन्न कंपनियों का तेल बेचते हैं।

लोकल कंपनियों का भी है व्यापार

राज्य में ऐसी कई कंपनियां व्यापार करती हैं जो हल्दिया और राजस्थान के साथ मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों से टैंकर में तेल मंगाती हैं। ऐसे व्यापारी टैंकर के तेल को लोकल ब्रांड के नाम से स्थानीय डब्बे में पैक करते हैं। चूकि पैकिंग स्थानीय स्तर पर ही व्यापारी करते हैं, लिहाजा वहां भी मिलावट का खतरा रहता है।

छोटे ग्राहकों को होगी परेशानी

खुले तेल की बिक्री बंद होने से ऐसे लोगों को परेशानी होगी, जो रोज कमाते-खाते हैं। बड़ी कंपनियों का छोटा पैक बाजार में नहीं दिखता है। लेकिन मजदूर तबके के कई ऐसे परिवार हैं जो रोज सौ ग्राम तेल ही खरीदते हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे व्यापारी हैं जो मिल चलाते हैं और सरसों आदि की पेराई कर तेल बेचते हैं। उनके पास कोई ब्रांड नहीं होता है, लेकिन ग्राहक उसे अधिक शुद्ध मानते हैं।

अब तक केन्द्र सरकार का निर्देश वाला पत्र नहीं मिला है। पत्र आने में थोड़ा वक्त लगता है। पत्र मिलने पर उसके अनुसार कार्रवाई होगी। – विनय कुमार, सचिव, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग

Input : Hindustan

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