सीबीएसई ने 12वीं यानी इंटर की परीक्षा रद कर दी है। इसका असर बिहार में भी करीब एक लाख छात्र-छात्राओं पर पड़ेगा। अभी यह तय होना बाकी है कि बारहवीं के नतीजे जारी किस आधार पर किए जाएंगे, संभव है कि इसमें भी 10वीं बोर्ड की तरह ही विधि अपनाई जाए। इससे पहले आपको यह बता दें कि बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सरकार को ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने और अधिक से अधिक वस्‍तुनिष्‍ठ सवाल पूछे जाने की सलाह दी थी। 2020 में बिहार से करीब 55 हजार छात्र-छात्रा सीबीएसई की बारहवीं बोर्ड परीक्षा में शामिल हुए थे।

बिहार में भी हजारों छात्रों पर पड़ेगा असर, मिल सकता है ये विकल्‍प

सीबीएसई बारहवीं की परीक्षा स्‍थगित करने का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित केंद्रीय मंत्रिमंडल के कई वरिष्‍ठ मंत्रियों के समूह ने बैठक के बाद लिया है। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब‍ खुद केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की तबीयत अचानक खराब होने पर उन्‍हें एम्‍स में भर्ती कराया गया है। इस फैसले का असर बिहार के हजारों छात्र-छात्राओं पर भी पड़ेगा। हालांकि सरकार स्थिति सामान्‍य होने के बाद परीक्षा देने के लिए इच्‍छुक छात्र-छात्राओं को मौका देने पर विचार कर सकती है।

राज्य के एक लाख से अधिक बच्चे होंगे प्रभावित

सीबीएसई द्वारा 12वीं की परीक्षा रद्द किए जाने से राज्य के करीब एक लाख से अधिक बच्चे प्रभावित होंगे। पिछले कई दिनों से परीक्षा को लेकर काफी ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी। परीक्षा को लेकर अभिभावक और बच्चे भी काफी दबाव में थे। एसोसिएशन ऑफ पब्लिक स्कूल के अध्यक्ष डॉ सीबी सिंह का कहना है कि परीक्षा को लेकर असमंजस अब दूर हो गई है। ऐसे में सरकार को कोरोनावायरस के संक्रमण थमने के बाद परीक्षा लेने के बारे में विचार करना चाहिए। वहीं एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष एक के नाग का कहना है कि वर्तमान परिस्थिति में परीक्षा लेना संभव नहीं है। ऐसे में सरकार ने छात्र हित के मद्देनजर परीक्षा रद्द करने की घोषणा की है। इसका स्वागत होना चाहिए।

बिहार बोर्ड ने पहले ही मार ली है बाजी

बिहार सरकार के आधिकारिक परीक्षा बोर्ड बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने इस साल दसवीं और बारहवीं की परीक्षा और परिणाम जारी करने का काम सबसे पहले पूरा कर रिकॉर्ड बना दिया है। बिहार बोर्ड ने दोनों ही परीक्षाएं कोरोना की दूसरी लहर का प्रभाव बढ़ने से पहले ही आयोजित कर ली थीं। बोर्ड ने परिणाम भी कोरोना की लहर के खतरनाक रूप अख्तियार करने से पहले ही जारी कर दिए थे। शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि बिहार बोर्ड ने समझदारी भरा फैसला लिया।

Input: dainik jagran

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