नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने कहा कि पटना से जलनिकासी की व्यवस्था फुलप्रूफ की जाएगी। राजधानी से पानी निकासी के लिए तीन चरणों में काम किया जा रहा है। सारी कवायद का उद्देश्य अगले 50 वर्षाें तक पटना को इस समस्या से मुक्त रखना है। शुक्रवार को दैनिक भास्कर कार्यालय में एक विशेष बातचीत में नगर विकास मंत्री ने स्वीकार किया कि तीन दिनों की भारी बारिश से निपटने में पटना नगर निगम विफल रहा। उन्होंने नगरवासियों को गारंटी दी कि अगले साल पटना में इससे ज्यादा बारिश होगी तब भी पटना में जलजमाव नहीं होगा। इस दौरान उन्होंने शहरों के नियोजित विकास, स्मार्ट सिटी और अन्य मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी।

सवाल : पटना दोबारा न डूबे, इसके लिए क्या योजना है?

जवाब : पटनावासियों को दोबारा जलजमाव की परेशानी नहीं झेलनी पड़े, इसके लिए विभाग तीन स्तरीय योजनाओं पर काम कर रहा है। दीर्घकालिक योजना के तहत 130 वर्गकिमी क्षेत्र के ड्रेनेज सिस्टम की प्लानिंग के लिए ग्लोबल टेंडर आमंत्रित किया गया है। राजधानी के इलाकों की कंटूर मैपिंग, हाइड्रोलॉजिकल और जियोलॉजिकल सर्वे कराया जा रहा है। सभी नालों का ड्रोन से सर्वे कराया जाएगा। राजधानी के ड्रेनेज सिस्टम का विस्तृत अध्ययन किया जाएगा। इसके अलावा नालों की सफाई, उनकी मरम्मत और अतिक्रमणमुक्त कराने की योजना पर काम हो रहा है। संप हाउस का सर्वे कराया गया है। उसकी कमियों को दूर किया जा रहा है। सभी संप हाउस के लिए डीजल पंपसेट की खरीद की जा रही है। सारी तैयारियों का जोर असामान्य बारिश होने की स्थिति में पटना को जलजमाव से मुक्त रखना है।

Photo : Madhav Kumar

सवाल : दोषियों पर कब तक कार्रवाई होगी?

जवाब : पटना में हुए जलजमाव के कारण और इसके लिए दोषियों काे चिह्नित करने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति जांच कर रही है। जल्द ही कमेटी अपनी रिपोर्ट सौंपेगी और उसमें चिह्नित किए गए अधिकारियों और कर्मचारियों पर सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।

सवाल : पटना और अन्य शहरों में अवैध निर्माण पर सरकार रोक क्यों नहीं लगा पा रही है?
जवाब :
राजधानी और राज्य के अन्य शहरों में अवैध निर्माण बड़ी समस्या है। मकानों के निर्माण के लिए नक्शा पास कराने में दिक्कत को जल्द दूर किया जाएगा। नक्शा पास करने की पूरी व्यवस्था ऑनलाइन की जा रही है। बिल्डिंग बाइलॉज में कुछ बदलाव किए गए हैं, जिन्हें जल्द ही सख्ती से लागू किया जाएगा, ताकि कम चौड़ी सड़कों पर अपार्टमेंट निर्माण पर रोक लगायी जा सके।

सवाल : स्मार्ट सिटी की योजनाएं राज्य में क्यों पिछड़ रही हैं?
जवाब :
यह सही है कि राज्य के चारों स्मार्ट सिटी की प्रगति काफी धीमी है। यह योजना पूरे शहर के लिए नहीं थी। योजना लागू करने से पहले एरिया नोटिफाई करना था। लेकिन] संबंधित नगर निगमों ने योजनाओं के चयन और क्रियान्वयन में तय मानकों का पालन नहीं किया। केंद्र सरकार की आपत्ति के बाद कई योजनाओं का काम फिलहाल रोक दिया गया है।

Input : Daink Bhaskar

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