एक साल से पहले ही पाकिस्तान (Pakistan) की अकड़ ढीली हो गई. वो एक साल भी अपनी हेकड़ी पर कायम नहीं रह पाया. कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Kashmir 370) हटने पर पाक सरकार ने अकड़ दिखाते हुए भारत (India) से कोई भी कारोबारी रिश्ते न रखने की धमकी दी थी. साथ ही सेंधा (लाहौरी) नमक की सप्लाई रोकने की बात तक कह डाली थी.
लेकिन सेंधा नमक ही पाक को सीधे रास्ते पर ले आया. हां, इतना ज़रूर है कि नमक की कीमतों को लेकर भारतीय ग्राहकों को अपनी जेब थोड़ी ढीली करनी पड़ी. लेकिन पाक सरकार को समझ आ गया कि सेंधा नमक (Rock salt) के सबसे बड़े उपभोक्ता (Consumer) भारत को नाराज़ कर वो अपने देश में कितना सेंधा नमक खपा लेगा.
लाहौरी नमक को लेकर पाक को भारी पड़ा यह कदम
एक साल पहले कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने पर पाक ने कारोबारी रिश्ते बंद करने और लाहौरी नमक की सप्लाई रोकने की बात तो कह दी, लेकिन उस पर अमल एक साल भी नहीं कर पाया. भारत नमक का सबसे बड़ा खरीदार है. इसके चलते पाक का नमक धरा रह गया. लेकिन कारोबारी कभी अपने कारोबार से समझौता नहीं करता था, तो पाक का लाहौरी नमक खाड़ी देशों के रास्ते भारत में आने लगा. लेकिन उसका कुछ खामियाजा भारतीय ग्राहकों को ज़रूर भुगतना पड़ा.
हर साल इतना लाहौरी नमक खरीदता है भारत
मुंबई में बैठे लाहौरी नमक के थोक कारोबारी नवीन आहूजा की मानें तो पाक में निकलने वाले लाहौरी नमक का सबसे बड़ा खरीदार भारत है. एक मोटे अनुमान के अनुसार भारत पाक से हर साल 2.5 हज़ार टन से लेकर 3 हज़ार टन तक लाहौरी नमक खरीदता है. इस नमक की खरीद बीते वक्त तक 4 से 5 रुपये किलो तक होती थी. उसके बाद भारत में उपभोक्ताओं को यह 15 से 20 रुपये किलो में उसी हालत में मिल जाता था जैसा पाक से आता था. लेकिन एक साल पहले लगी कुछ बंदिशों के चलते अब यह 40 से 50 रुपये किलो तक बिक रहा है. वहीं प्रोसेस किया हुआ पैकेट बंद ब्रांडेड लाहौरी नमक 98 रुपये किलो तक बाज़ार में बिक रहा है.
भारत में यहां हैं प्रोसेसिंग यूनिट्स
भारत में कोच्चि, मुंबई, हैदराबाद और दिल्ली में लाहौरी नमक की बड़ी प्रोसेसिंग और पैकेजिंग यूनिट्स हैं. उनसे खाड़ी देशों से लेकर जापान, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, कनाडा और पूरी दुनिया में यह नमक भेजा जाता है. वहीं जानकारों की मानें तो 1947 में बंटवारे के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच लाहौरी नमक को लेकर एक समझौता हुआ था, जिसके तहत युद्ध हो या शांति ये नमक लगातार भारत को भेजा जाता रहेगा. इसी तरह भारत इस बात पर सहमत था कि वो अबाध तरीके से पानी की आपूर्ति करता रहेगा.
Source : News18