पटना पुलिस के हत्थे चढ़े अंतरराज्यीय सॉल्वर व सेटर गिरोह के शातिरों ने पुलिस की पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किये। पुलिस के मुताबिक ये शातिर 20 से 25 लाख में नीट व 10 से 12 लाख में इंजीनियरिंग की परीक्षा पास कराकर दाखिला कराने का ठेका लेते थे। इसी तरह अन्य सरकारी विभागों में नौकरियां दिलाने का रेट शातिरों द्वारा तय था।
वर्तमान समय में इन शातिरों द्वारा पटना के बोरिंग कैनाल रोड स्थित विंध्याचल अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 11 बी में ऑफिस खोलकर मणिपाल विवि की इंजीनियरिंग परीक्षा के नाम पर अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूली जा रही थी। अंतरराज्यीय सॉल्वर व सेटर गैंग के सरगना पटना निवासी अतुल वत्स से इन शातिरों ने फर्जीवाड़े का गुर सीखा था। पकड़ा गया शातिर उज्ज्वल कश्यप वर्तमान समय में गैंग को लीड करते हुए पूरे बिहार में अपना नेटवर्क मजबूत कर रहा था। बिहार भर में उसके द्वारा एजेंट रखे गये हैं, जिन्हें कमीशन दिया जाता है। इनके द्वारा मेडिकल व उच्च शैक्षिक परीक्षाओं के सर्वर भी हैक कर लिये जाते थे और सरकारी विभागों की फर्जी बेबसाइट बनाकर बहाली संबंधी विज्ञापन भी निकाले जाते थे।
गिरोह के फरार सरगना की तलाश में जुटी पुलिस
पूछताछ के बाद बुद्धा कॉलोनी पुलिस द्वारा गिरफ्तार सभी छह शातिरों पटना सिटी के उज्जवल कश्यप, गोपालगंज के रमेश कुमार सिंह, मुजफ्फरपुर के नीतेश कुमार, पाटलिपुत्र के प्रशांत कुमार, भागलपुर के सौरभ सुमन तथा पूर्वी चंपारण के रोहित कुमार को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। जहां से सभी शातिरों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। इनमें शातिर रमेश पहले भी पाटलिपुत्र थाने से संबंधित एक मामले में पूर्व में भी जेल जा चुका है। गिरोह के फरार सरगना पटना निवासी अतुल वत्स की पुलिस तलाश में जुट गई है।
एक झटके में कई कारनामे हुये उजागर
एसएसपी के मुताबिक पकड़े गये शातिरों द्वारा नीट व इंजीनियरिंग की परीक्षा सॉल्वर, स्कॉलर व सेटर बैठाकर पास कराने, मेडिकल कॉलेजों में दाखिला दिलाने, बिहार पुलिस दारोगा, बिहार पुलिस सिपाही परीक्षा, बिहार विधान सभा बहाली, एएनएम नर्स, इंडियन नेवी , कोल इंडिया लि. एयरफोर्स आदि में नौकरी दिलाने व नामांकन कराने का झांसा देकर अभ्यर्थियों से मोटी रकम ऐंठी जाती थी। बिहार विधान सभा में एएनएम की बहाली तथा कई अन्य सरकारी विभागों में बहाली से संबंधित सचिवालय थाने में दर्ज एफआईआर के मामले में भी इन्हीं शातिरों की संलिप्तता होने की जांच की जा रही है।
सर्वर हैक करने में माहिर हैं शातिर
पुलिस की मानें तो पकड़े गये शातिर परीक्षा से जुड़े सर्वर को हैक करने में माहिर रहे हैं। अभ्यर्थियों से मोटी रकम मिलने पर इनके द्वारा खुद परीक्षा में बैठा जाता था। जरूरत पड़ने पर सॉल्वर भी बैठाये जाते थे। सर्वर को हैक कर भी इनके द्वारा परीक्षाएं प्रभावित की जाती थीं।
अतुल से जुड़ कर सीखा फर्जीवाड़े का गुर
पूछताछ में आरोपितों ने पुलिस को बताया कि अतुल वत्स गिरोह का सरगना व मास्टरमाइंड रहा है। कई परीक्षाओं के पेपर लीक होने व फर्जीवाड़े के मामले में उसके खिलाफ, दिल्ली, हरियाणा व मुंबई के केस दर्ज हैं। उससे ही शातिरों ने इस फर्जीवाड़े का गुर सीखा। उज्जवल कश्यप अतुल की राह पर चलकर खुद बिहार में अपना नेटवर्क खड़ा कर रहा था। उसके गिरोह से जुड़े एजेंट बिहार समेत अन्य जगहों पर सक्रिय हैं जो कि छात्रों को अपने जाल में फंसा कर उनतक लाते थे। इसके एवज में इनके द्वारा एजेंटों को प्रति छात्र सेट कराने पर 20 से 25 हजार रुपये तथा खाने-पीने का खर्च दिया जाता था।
गर्लफ्रेंड के बैंक खातों में मंगाते थे रकम
खास बात यह है कि फर्जीवाड़े के इस धंधे में गिरफ्तार आरोपितों में सौरभ सुमन और उज्जवल उर्फ गजनी की गर्लफ्रेंड भी सहयोगी बतायी जा रहीं हैं। उन्होंने अभ्यर्थियों से मोटी रकम गर्लफ्रेंड के बैंक अकाउंट में मंगाई थी। पुलिस की छापेमारी से पहले दोनों बाजार निकल गईं थीं। गैंग के गिरफ्तार गुर्गों ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया है कि बिहार में गैंग का सरगना अतुल है। गैंग के पटना के बोरिंग रोड स्थित ऑफिस को रमेश और उज्ज्वल चलाते थे। उनके टारगेट पटना के कोचिंग संस्थानों में मेडिकल व इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र होते थे। पुलिस पूछताछ में यह भी पता चला है कि 2015 में महाराष्ट्र के औरंगाबाद में हुए मेडिकल प्रवेश परीक्षा पेपर लीक में भी इस गैंग का हाथ था।
डायरी व बैंक खातों की हो रही जांच
शातिरों के पास से बरामद डायरी में लाखों रुपये के हिसाब-किताब की जानकारी पुलिस को मिली है। यही नहीं, उनके बैंक खातों में भी लाखों रुपये के ट्रांजेक्शन व जमा होने का पता चला है। ऐसे में पुलिस उनके बैंक खातों व डायरी में लाखों के हिसाब की भी जांच कर रही है।
हर परीक्षा व नौकरी का तय था रेट
शातिरों द्वारा सभी परीक्षाओं व नौकरी दिलाने के लिए अलग-अलग रेट तय किया गया था। पूछताछ में आरोपितों ने बाकायदा इसका खुलासा भी किया है।
परीक्षा व नौकरी रेट
नीट 20 से 25 लाख
इंजीनियरिंग 10 से 12 लाख
बिपु दारोगा 08 से 10 लाख
बिुपु सिपाही 05 से 06 लाख
एएनएम 2 से 3 लाख
20 से 33 साल के हैं सभी शातिर
पकड़े गये सभी शातिर 20 से 33 साल के हैं। इनकी कद, काठी काफी गठीली है। देखने में सभी अच्छे परिवार से लगते हैं। पकड़े गये शातिरों में सबसे कम उम्र 20 साल का रोहित कुमार है जबकि सबसे अधिक उम्र 33 साल का प्रशांत कुमार बताया गया है।
पकड़े गये शातिर बेहद मास्टरमाइंड हैं। बिहार समेत मुंबई, जयपुर, रांची, यूपी, दिल्ली आदि से भी इनके तार जुड़े रहे हैं। पकड़े गये शातिरों के अन्य आपराधिक इतिहास खंगाले जाएंगे। साथ ही फरार सरगना अतुल कश्यप की तलाश की जाएगी। -उपेंद्र शर्मा, एसएसपी
Input : Live Hindustan