सरकार, सरकारी कर्मचारी, मंत्री, सांसद और विधायक के संबध में सोशल मीडिया या इंटरनेट पर अभद्र टिप्पणी लिखने पर कार्रवाई करने से जुड़ा बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) का आदेश कोई असर नहीं दिखा रहा।
आदरणीय चोर अधिकारीगण
माननीय लुटेरे मंत्री सांसद विधायक गण
परम् आदरणीय भ्रष्ट बीजेपी-जदयू सरकारमुझे आपके किसी लेटर की नहीं है परवाह
जमकर पूरी श्रद्धा भाव से आपकी लेते रहेंगे!— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) January 22, 2021
आदेश जारी होने के बाद जाप सुप्रीमो और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने सोशल मीडिया पर लिख दिया- आदरणीय चोर अधिकारीगण, माननीय लुटेरे मंत्री, सांसद विधायकगण, परम आदरणीय भ्रष्ट भाजपा- जदयू सरकार मुझे आपके किसी लेटर की नहीं है परवाह। जमकर पूरी श्रद्धा भाव से आपकी …रहेंगे।
पुलिस मुख्यालय के इस आदेश की कई राजनीतिक दलों ने आलोचना की है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने तो पत्र जारी होने के बाद मुख्यमंत्री को भ्रष्टाचार का भीष्म पितामह करार देते हुए चुनौती दी थी कि हिम्मत है तो सरकार मुझे गिरफ्तार करे। उनका पार्टी राजद की ओर से सोशल मीडिया पर कहा गया- अंग्रेज बात-बात में भारतीयों पर लाठीचार्ज करते थे। मानवाधिकारों का हनन करते थे, बेनुगाहों को जेल में ठूंस देते थे, अधिकारी राजाओं सा जीवन व्यतीत करते थे, चाटुकारों और जनता का खून चूसने वालों को सम्मानित किया जाता था, मीडिया को अपनी कठपुतली बनाए हुए थे और अभिव्यक्ति की आजादी नहीं थी। नीतीश कुमार, अंग्रेजों और संघियों से किस तरह से अलग हैं?
राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि आश्चर्य है कि जिस प्रेस बिल के खिलाफ नीतीश कुमार ने लाठियां खाईं वही नीतीश कुमार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर पहरा लगा रहे हैं। जदयू के वरिष्ठ नेता व मंत्री अशोक चौधरी ने आरोपों पर स्पष्टीकरण दिया कि सोशल मीडिया और पोर्टल पर भाषा की मर्यादा को बनाए रखने के लिए पत्र जारी किया गया है।
बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने सोशल मीडिया पर मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, सरकारी अफसरों, कर्मियों और अन्य लोगों के खिलाफ अनाप-शनाप व अभद्र टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है। आर्थिक अपराध इकाई ने कहा है कि सोशल मीडिया पर अगर किसी व्यक्ति, संस्था या संगठन के द्वारा अभद्र टिप्पणी की जा रही हो, जिससे किसी व्यक्ति की सामाजिक व व्यक्तिगत प्रतिष्ठा का हनन होता हो या जिससे किसी की छवि धूमिल हो तो उसकी सूचना तत्काल आर्थिक अपराध इकाई को दें। यहां तक कि अगर कोई सरकार की नीतियों को गलत तरीके से दुष्प्रचारित कर रहा हो तो उसकी सूचना भी EOU को देने की बात कही गई है। दोषी व्यक्ति के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
Input: Dainik Bhasakr