कटिहार. बांग्लादेश के स्टार क्रिकेटर शाकिब अल हसन (Shakib al hasan) हाल में ही काली पूजा में शामिल होने कोलकाता पहुंचे थे. इसी का वीडियो जब उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया तो उन्हें तलवार लहराते हुए एक व्यक्ति ने जान से मारने की धमकी दी. इसके बाद शाकिब अल हसन ने अब इस पूरे मामले पर माफी मांगी है और कहा है कि मुझे पूजा के लिए नहीं जाना चाहिए था. हालांकि धमकी देने वाले शख्स मोहसिन तालुकदार को बांग्लादेश की पुलिस (Bangladesh Police) ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन साथ ही एक बात की बहस भी छेड़ दी है कि क्या कट्टरता के आगे सद्भाव व भाईचारे का माहौल समाप्त हो जाएगा? इस बात का जवाब कटिहार के कासिम और नूरजहां का बनाया वह चू्ल्हा दे रहा है जो वे छठ महापर्व में वह छठ व्रतियों के लिए बनाते हैं.
कटिहार में लगभग 20 सालों से अल्पसंख्यक समुदाय के कासिम और उनकी धर्मपत्नी नूरजहां छठ के खरना के महाभोग बनाने के लिए मिट्टी के चूल्हा निर्माण करते हैं. 50,60,70,80 रुपए तक बिकने वाले ये चूल्हे जहां इस परिवार के रोजगार के लिए सहायक हैं वहीं, ये समाज द्वारा बनाई गई जाति-धर्म की व्यवस्था व इसकी जकड़न पर छठ महापर्व बड़ी चोट करता है.
दोनों दंपति दूसरे धर्म के महापर्व में अपनी भागीदारी से बेहद खुश हैं और वह कहते हैं कि वर्षों से यह काम कर रहे हैं. जो भी खरीदार आते हैं वह चूल्हा खरीद कर इस सहयोग के लिए शाबाशी देकर जाते हैं. जिससे मन गदगद हो जाता है. गरीबी अपनी जगह है मगर दूसरे धर्म के पर्व में जाने-अनजाने में अपने हिस्सेदारी से यह दोनों बेहद खुश हैं.
चूल्हा खरीदने आए कैलाश शर्मा कहते हैं यही तो महापर्व की खासियत है जो सब कुछ भुलाकर विभिन्न जाति धर्म को एक सूत्र में बांधता है. धनंजय यादव कहते हैं कि आधुनिक होते शहर में पारंपरिक त्योहार में मिट्टी के चूल्हा बेहद मुश्किल से मिलता है और दूसरे धर्म से होने के बावजूद यह दंपति जिस तरह से साफ-सुथरे तरीके से साफ दिल से चूल्हा बनाते हैं यह बेहद खास है.
Source : सुब्रता गुहा News18