कक्षा एक से 12वीं तक के बच्चों का इस बार का सिलेबस 9-10 महीने का हो सकता है। मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से इसकी तैयारी की जा रही है। सिलेबस को अंतिम रूप देने के निए एनसीईआरटी के साथ ही केन्द्रीय विद्यालय सगंठन से भी मदद ली जा रही है। सगंठन अधिकारियों के अनुसार अगले सप्ताह तक इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
लॉकडाउन की वजह से बच्चों के नए सत्र की पढ़ाई में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हो, इसे लेकर नए सत्र की रि-शिड्यूलिंग के साथ ही एनसीईआरटी अपने सिलेबस में बदलाव कर सकता है। अधिकारियों के अननुसार नए सत्र का शिड्यूल 9-10 महीने की करने की तैयारी की जा रही है। बच्चों का एक साल का जो सिलेबस होता है, उसे पूरा कैसे किया जाएगा, इस पर निर्णय लिया जा रहा है। किताबें वहीं रहेंगी मगर जो चैप्टर कम महत्वपूर्ण हंै, उसे बस डिलीट किया जाएगा। सिलेबस पूरा कैसे किया जाए, इसे लेकर कई महत्वपूर्ण बिन्दू तय किए जा रहे हैं।
कुछ टॉपिक इंटरनल से हटेंगे
केन्द्रीय विद्यालय के प्राचार्य संजीव कुमार ने बताया कि मैथ, साइंस समेत कई विषय ऐसे हैं जिसमें चैप्टर को डिलीट नहीं किया जा सकता। कुछ टॉपिक इंटरनल के लिए हटा दिए जाएंगे। इसके साथ ही 9-10 महीने में सिलेबस को पूरा करने को नन-टीचिंग पीरियड कम किए जाएंगे। यही नहीं टीचिंग का घंटा भी बढ़ाए जाने की बात हो रही है। अगर अब तक स्कूल 6 घंटे के होते रहे हैं तो उसे सात घंटे किए जा सकते हैं ताकि समय पर बच्चों का सिलेबस पूरा हो।
महत्वपूर्ण चैप्टर और टॉपिक पर मंथन
सीबीएसई स्कूल सगंठन के पीआरओ सतीश कुमार,डीएवी खबड़ा के प्राचार्य मनोज कुमार ने बताया कि सीबीएसई ने पहले भी अंग्रेजी समेत कई विषयों में कई चैप्टर कम किए हैं। अंग्रेजी में पहले12 कविताएं पढ़नी होती थी जिसे कम कर सात पर लाया गया। इस बार कई ऐसे चैप्टर और टॉपिक हैं जो किताब में तो रहेंगे मगर इस बार बच्चों को उन्हें पढ़ने की जरूरत नहीं होगी।
मैथ और साइंस के180 पीरियड को 150 करने की तैयारी
19-20 के लिए जारी सिलेबस के अनुसार मैथ और साइंस समेत तकरीबन सभी विषयों के लिए 180 पीरियड का शिड्यूल बनाया गया। इस शिड्यूल को कम कर 150 पीरियड तक लाने की तैयारी चल रही है। केन्द्रीय विद्यालय के प्राचार्य ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई सही से हो, इस आधार पर सिलेबस बनाया जा रहा है।
Input:Live Hinduatan