पटना. स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 (Cleanliness Survey 2020) में मध्य प्रदेश Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) को लगातार चौथी बार प्रथम पुरस्कार मिला है. वहीं, बिहार को निराशा हाथ लगी है. राज्य की राजधानी पटना पूर्वी भारत में 10 लाख से ज्यादा जनसंख्या की कैटेगरी में 47वें पायदान पर है. बता दें कि इस कैटेगरी में ये सबसे निचला स्थान है. सबसे खास बात ये कि एक लाख से दस लाख और दस लाख से अधिक आबादी वाले स्वच्छ टॉप टेन शहरों में बिहार का कोई भी शहर नहीं है. हालांकि पटना का प्रदर्शन पहले की तुलना में बहुत बेहतरीन रहा है और देश भर में 105 वा रैंक मिला है. बता दें कि पटना नगर निगम ने वर्ष 2021 में पटना को देशभर में टॉप 50 में लाने का लक्ष्य तय किया गया है. इससे पहले बिहार की राजधानी पटना का 2019 में देशभर में 318 वां रैंक और 2018 में 309 वां रैंक था.
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हालांकि, गंगा किनारे बसे 50 हजार से कम आबादी वाले शहरों में सोनपुर ने प्रथम 10 में जगह बनाई है. वहीं, इसी श्रेणी में लखीसराय के बड़हिया को 23वां स्थान प्राप्त हुआ है. जबकि गंगा किनारे बसे शहरों में वाराणसी गंगा नदी के किनारे बसा सबसे साफ शहर है. 1 से 10 लाख जनसंख्या की कैटेगरी में बिहार के 26 शहर भी रैंकिंग में शामिल हैं. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के परिणामों का ऐलान गुरुवार को किया, जिसमें इंदौर शहर को देश में सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया.
गौरतलब है कि 2016 में हुए सबसे पहले सर्वेक्षण में देश के सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार मैसूर को मिला था. उसके बाद से इंदौर लगातार 4 वर्षों (2017, 2018, 2019,2020) से शीर्ष स्थान पर है.

Input : News18