स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 के बहुप्रतीक्षित नतीजे गुरुवार को घोषित हो गए। बिहार के सभी शहरी निकाय एक बार फिर फिसड्डी साबित हुए। राजधानी पटना सहित कोई भी निकाय वरीयता सूची में अपनी जगह नहीं बना सका। दस लाख से अधिक आबादी वाले देश के 47 निकायों की रैंकिंग में पटना अंतिम पायदान पर रहा। इसी तरह देश के 62 छावनी क्षेत्रों में दानापुर छावनी को भी स्वच्छता के मामले में अंतिम स्थान मिला है।

nagar-nigam-muzaffarpur

वर्ष 2020 में हुई स्वच्छता परीक्षा छह हजार अंकों की थी। इसमें निकायों को जनसंख्या के आधार पर बांटकर उनकी रैंकिंग की गई थी। स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 के नतीजे घोषित करने को गुरुवार को स्वच्छता महोत्सव का आयोजन किया गया था। पहले इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भाग लेना था मगर बाद में केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने देशभर के निकायों की स्वच्छता रैंकिंग जारी की। पूर्व की भांति एक बार फिर बिहार के निराशा ही हाथ लगी। 25 हजार से लेकर 10 लाख से ऊपर आबादी वाली सभी कैटेगरी में राज्य के निकाय वरीयता क्रम तो दूर टॉप-100 में भी जगह नहीं बना सके।

बेगूसराय-मुंगेर से भी पीछे अपना शहर :

10 लाख तक की आबादी वाले देश के 382 शहरी निकायों की जो सूची जारी की गई है उसमें बिहार के निकायों का नंबर 255 से शुरू होता है। डालमिया नगर (डेहरी) की 255, बेगूसराय की 279, मुंगेर की 297, मुजफ्फरपुर की 299, बेतिया की 303, किशनगंज की 308, हाजीपुर की 313, दरभंगा की 331, सासाराम की 338, बगहा की 343, कटिहार की 349, जमालपुर 359, औरंगाबाद की 360, मोतिहारी की 362, आरा की 363, पूर्णिया की 364, सीवान की 367, दानापुर की 368, छपरा 369, सहरसा 373, बिहारशरीफ 374, परसा बाजार 378, भागलपुर की 379, बक्सर की 381 और गया 382वें पायदान पर है।

पटना का भी खराब प्रदर्शन :

राज्य में सबसे ज्यादा फोकस राजधानी पटना पर रहता है। करोड़ों खर्च करके भी पटना की रैंकिंग सुधर नहीं पा रही। 10 लाख से अधिक आबादी वाले देश में 47 निकाय हैं। इनकी रैंकिंग सूची में पटना सबसे फिसड्डी साबित हुआ है। पटना को छह हजार में से सिर्फ 1552.11 अंक मिले हैं। यानि पटना का अपनी कैटेगरी वाले निकायों में देश में सबसे खराब प्रदर्शन रहा है। इसी तरह दानापुर छावनी भी अपनी कैटेगरी में अंतिम स्थान पर रही है।

शहरों की रैंकिंग से नाखुश मंत्री बोले, काफी काम करने की जरूरत :

नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने सर्वेक्षण रिपोर्ट पर कहा कि बीते साल के सापेक्ष रैंकिंग में सुधार हुई है। फिर भी वे इससे संतुष्ट नहीं है। खासकर मुजफ्फरपुर की रैंकिंग में सुधार के बावजूद अभी काफी काम करने की जरूरत है। मेयर सुरेश कुमार ने भी कहा कि पहले से हमारी स्थिति बेहतर हुई है। अगर मेरे सुझावों पर अमल हुआ होता तो और बेहतर हमारी रैंकिंग होती। वहीं नगर आयुक्त मनेश कुमार मीणा ने कहा है कि आगे और बेहतरी का और प्रयास करेंगे।

Input : Hindustan

Muzaffarpur Now – Bihar’s foremost media network, owned by Muzaffarpur Now Brandcom (OPC) PVT LTD