सिविल सर्विस परीक्षाओं में देश भर में 13वें स्थान पर रहीं 2008 बैच की सीनियर आइएएस अधिकारी सोनल गोयल पर त्रिपुरा कैडर में लौटने का भारी दबाव है। सोनल गोयल मूल रूप से हरियाणा के पानीपत की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी सर्विस के आठ साल त्रिपुरा में सेवाएं दी हैं। नियम के अनुसार, सोनल नौ साल तक हरियाणा में रह सकती हैं और उन्हें यहां अभी सिर्फ चार साल हुए हैं, लेकिन त्रिपुरा सरकार उन पर पांच साल पहले ही अपने कैडर में लौटने का दबाव बना रही है।

पानीपत की बेटी सोनल गोयल चार साल से हरियाणा में हैं कार्यरत

वह भी उस स्थिति में जब, कोरोना का संक्रमण लगातार फैल रहा है। सोनल ने अपने दो छोटे बच्चों की सुरक्षा का हवाला देते हुए त्रिपुरा सरकार से अभी कुछ दिन हरियाणा में रहने देने की अनुमति मांगी है, लेकिन तमाम नियम, कानून और शर्तों को पूरा करने के बावजूद त्रिपुरा सरकार उन्हें हरियाणा से वापस बुलाने पर अड़ी हुई है। वह भी तब, जब हरियाणा सरकार उन्हें वापस भेजना नहीं चाहती।

सिविल सर्विस परीक्षाओं में देश में 13वें स्थान पर रहीं 2008 बैच की सोनल आठ साल त्रिपुरा में दे चुकी सेवाएं

सोनल गोयल मूल रूप से पानीपत जिले की रहने वाली हैं। 2008 की सिविल सर्विस परीक्षाओं में जब उनका 13वां रैंक आया तो उन्हें त्रिपुरा कैडर थमा दिया गया। इतनी बढ़िया रैंकिंग के बाद सोनल को उम्मीद थी कि उन्हें हरियाणा या दिल्ली कैडर मिल सकता है, लेकिन त्रिपुरा काडर मिलने के बावजूद वहां उन्होंने आठ साल तक अपनी सेवाएं दी। सोनल के पति आदित्य 2014 बैच के आइआरएस अधिकारी हैं और दिल्ली में कस्टम में तैनात हैं। सोनल की माता किडनी पेशेंट हैं तथा फरीदाबाद में रहती हैं। दो छोटे बच्चों की सुरक्षा और माता के स्वास्थ्य के मद्देनजर सोनल ने अब हरियाणा सरकार से छुट्टी ले ली है।

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हरियाणा सरकार भी नहीं चाहती सोनल गोयल त्रिपुरा जाए, दो छोटे बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित

हरियाणा में सेवाएं देते हुए सोनल गोयल ने सरकार के खाते में कई बड़ी उपलब्धियां डाली हैं। प्रदेश सरकार भी नहीं चाहती कि सोनल गोयल त्रिपुरा जाए, लेकिन वहां की सरकार उन्हें त्रिपुरा बुलाने की जिद पर अड़ी है। इसी जिद के चलते सोनल गोयल का केंद्र में डेपुटेशन पर जाने का रास्ता भी बाधित हो रहा है।

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उनकी केंद्रीय जल संसाधन विभाग में नियुक्ति की संभावना जताई जा रही थी। हरियाणा में झज्जर की जिला उपायुक्त, फरीदाबाद नगर निगम की आयुक्त और गुरुग्राम में मिनी बस सेवा लिमिटेड में सेवाएं देते हुए सोनल गोयल ने कई मुकाम हासिल किए हैं। प्रदेश की कल्याणकारी योजनाओं के संचालन के लिए केंद्र व राज्य सरकार से उन्हें पुरस्कृत किया जा चुका है।

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सोशल मीडिया पर सात लाख फॉलोअर्स

सोशल मीडिया पर सोनल गोयल के सात लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं। पिछले कई दिनों से उनके केंद्र में जाने की चर्चाएं चल रही थीं, लेकिन त्रिपुरा सरकार द्वारा उन्हें समय से पहले ही अपने कैडर में वापस बुला लिए जाने से इस बड़े अवसर पर भी ग्रहण लग गया। सोनल गोयल का नाम देश की उन टॉप 25 महिलाओं में शामिल है, जो देश, समाज और प्रदेश के लिए कुछ बेहतरीन करना चाहती हैं। इन टॉप 25 महिलाओं में सोनल गोयल एक मात्र आइएएस हैं, जबकि अन्य महिलायें दूसरे क्षेत्रों से हैं। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में बेहतर काम करने के लिए उन्हें मिनिस्ट्री ऑफ वूमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट की तरफ से पुरस्कृत किया गया था।

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कई योजनाओं के लिए मिले सोनल को अवॉर्ड

हरियाणा में सुकन्या समृद्धि योजना, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं में बेहतर क्रियान्वयन के लिए उन्हें अवॉर्ड मिले हैं। साथ ही मिनिस्ट्री ऑफ रूरल डेवलपमेंट भारत सरकार की तरफ से सोनल गोयल को नेशनल मनरेगा अवॉर्ड से नवाजा गया है। गोयल के प्रयासों के चलते हरियाणा में आंगनबाड़ी सेंटर की दशा में सुधार हुए और बच्चों की संख्या में वृद्धि हुई। हालांकि, इस बारे में जब सोनल से बात की गई तो उन्होंने सरकारी सर्विस की सीमाओं का हवाला देते हुए किसी तरह की टिप्पणी से इनकार कर दिया है।

Source : Dainik Jagran

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