बिहार में कोरोना संक्रमण में सरकारी सिस्टम पूरी तरह से फेल कर गया है। लोग अस्पतालों में इलााज और ऑक्सीजन बिना मर रहे हैं। सरकार की सारी तैयारी की हवा निकल गई है। स्वास्थ्य महकमा चारो खाने चित्त हो गया है. पिछले एक साल में न तो अस्पतालों में व्यवस्था सुदृढ हो पाई न जो संसाधन आये उसे चालू ही कराया जा सका। अब जबकि कोरोना संक्रमण से लोग त्राहिमाम कर रहे तो स्वास्थ्य विभाग कागजी घोड़े दौड़ा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के मंत्री मंगल पांडेय चाहे जो भी दावे कर लें लेकिन विभाग जिला स्तर पर जरूरी संसाधन मुहैया कराने में भी विफल साबित हो रहा है। लिहाजा जिलों में पदस्थापित सिविल सर्जन को अब इंफ्रारेड थर्मामीटर-ऑक्सीमीटर जैसे छोटे संसाधन के लिए बीएमएसआईसीएल की बजाए माननीयों से गुहार लगानी पड़ रही है। सिविल सर्जन की गुहार पर जरूरी सामानों की उपलब्धता को लेकर राशि जारी की जा रही है ताकि आपदा की इस घड़ी में अस्पतालों में इन जरूरी संसाधनों को मंगाया जा सके।

मधुबनी सिविल सर्जन ने लगाई गुहार

मधुबनी के सिविल सर्जन ने 6 मई को विधानपार्षद सह नीतीश कैबिनेट में मंत्री संजय कुमार झा को पत्र लिखकर ऑक्सीजन,एक्स-रे मशीन,व अन्य उपकरण उपलब्ध कराने को लेकर गुहार लगाई। सिविल सर्जन ने राजनगर,झंझारपुर में एक्स-रे मशीन, फिंगर पल्स ऑक्सीमीटर,थर्मामीटर व अऩ्य सामान की आपूर्ति को लेकर पत्र लिखा। सिविल सर्जन के पत्र के बाद विधान पार्षद सह सूबे के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने उसी दिन यानि 6 मई को ही ऑक्सीजन प्लांट लगाने व अन्य सामानों की आपूर्ति को लेकर जिला योजना पदाधिकारी को पत्र लिख एच्छिक कोष से राशि निर्गत करने को कहा। हालांकि इसके लिए अनुशंसित राशि का उल्लेख नहीं किया गया है। वहीं दरभंगा जिले के लिए भी वहां के सिविल सर्जन की गुहार पर 53 लाख रू खर्च करने की अनुशंसा की है।

मंत्री संजय झा ने कहा कि मधुबनी जिले के कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अररिया संग्राम के ट्रॉमा सेंटर में रोज 90 सिलेंडर ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता के प्लांट की स्थापना और रामपट्टी एवं झंझारपुर के कोविड केयर सेंटर में एक्स-रे मशीन एवं अन्य जरूरी उपकरणों की खरीद के लिए आज अपने ऐच्छिक कोष से राशि की अनुशंसा की है. वहीं दरभंगा जिले के कोरोना मरीजों के लिए एक एंबुलेंस, एक शव वाहन, 100 ऑक्सीजन फ्लो मीटर, 50 ऑक्सीजन सिलेंडर डी टाइप और 25 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर की खरीद के लिए ऐच्छिक कोष से 53 लाख रुपये निर्गत करने की अनुशंसा की।

BMSICL कर रहा हवा-हवाई दावे?

बता दें,बिहार के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग की BMSICL की तरफ से दवा से लेकर अन्य संसाधन मुहैया कराये जाते हैं। सरकार की तरफ से दावा किया जाता रहा है कि BMSICLके पास दवा से लेकर अऩ्य जरूरी उपकरण मौजूद हैं। अगर BMSICL के पास जरूरी संसाधन थे तो फिर सिविल सर्जन को ऑक्सीमीटर-थर्मामीटर जैसी चीजों के लिए विधायकों से क्यों मदद मांगनी पड़ती यह बड़ा सवाल है।

Source : News4Nation

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