किसानों की ट्रैक्टर परेड के हिंसक रूप भी सामने आ रहे हैं। पहले तो पुलिस के बैरिकेड तोड़कर प्रदर्शनकारी दिल्ली की सीमा में तय समय से पहले प्रवेश कर गइ फिर कई जगहों पर उनकी पुलिस के जवानों के साथ हिंसक झड़प भी हुई। दृश्यों पर गौर करें तो यह आंदोलन अपने मकसद से भटकता दिख रहा है। कहीं किसानों के हाथ में तलवारें दिख रही हैं तो कहीं प्रदर्शनकारी पुलिस के वाहनों पर चढ़ गए हैं। हालांकि किसान नेता अभी भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन का दावा कर रहे हैं।
आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस के दिन हजारों ट्रैक्टरों ने आईटीओ की ओर रुख किया, जबकि किसान संघ ने बार-बार वादा किया था कि ट्रैक्टर रैली राजधानी में प्रवेश नहीं करेगी। इतना ही नहीं ट्रैक्टरों में लाउडस्पीकर नहीं बजाने और पांच से अधिक लोगों के साथ नहीं बैठने के निर्देश जारी किए गए थे। लेकिन ऐसे सभी निर्देशों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है। कई जगहों पर तो बसों में भी तोड़फोड़ की गई।
इतना ही नहीं किसानों की यूनियनों ने ट्रैक्टर परेड में शामिल होने वालों से हथियार नहीं उठाने के लिए कहा था, लेकिन निहंग सिख घोड़ों पर सवार होकर हाथों में तलवार लिए परेड में पहुंचे, जो कि आज की अराजकता का एक आकर्षण बन गया।
मुकरबा चौक और नांगलोई में अव्यवस्था बनी रही। सामान्य यातायात भी बाधित हुआ। प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने निर्धारित अप्सरा मार्ग के बजाय अक्षरधाम मार्ग का रुख कर लिया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पहले समझाया और नहीं मानने पर आंसू गैस का सहारा लिया।
रैली शांतिपूर्वक चल रही है, मुझे हिंसा का कोई ज्ञान नहीं : राकेश टिकैत
ट्रैक्टर रैली के दौरान कुछ जगह पर हो रही हिंसा पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि ट्रैक्टर रैली शांतिपूर्ण तरीके से चल रही है। ये मेरी जानकारी में नहीं है। हम गाजीपुर में हैं और यहां ट्रैफिक लगातार चल रहा है।
Input: Live Hindustan