आम तौर दूल्हा घोड़ा, चारपहिया वाहन या पालकी जैसे साधनों से शादी करने जाते हैं। लेकिन इससे शोहरत नहीं मिलती। दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान पूर्वी के सुघराइन गांव में हेलीकॉप्टर से दूल्हे का आना चर्चा का विषय बना हुआ है।

दरभंगा के कुशेश्वरस्थान पूर्वी के भिंडुआ गांव निवासी छोटेलाल राय के बड़े बेटे सुमन का सपना सोमवार को साकार हो गया। उसकी हसरत थी कि हेलीकॉप्टर पर सवार होकर शादी करने जाए और अपनी दुल्हन को लेकर जाए। परिजनों एवं दोस्तों के सहयोग से उसकी इच्छा पूरा हुई। देर रात शादी के बाद सोमवार करीब 12 बजे उसने अपनी दुल्हनिया संग दिल्ली के लिए उड़ान भरी।

भिंडुआ के छोटेलाल राय पिछले 45 वर्षों से दिल्ली में इलेक्ट्रॉनिक्स का व्यवसाय करते हैं। पूरे परिवार के साथ दिल्ली में ही रहते हैं। उन्हें दो पुत्र है। ननिहाल सुघराइन में है। अक्सर ननिहाल आना-जाना होता है। सुघराइन निवासी शिवशंकर राय की पुत्री कोमल उनको पसंद आ गई। वह इंटर पास है।

उन्होंने अपने बड़े बेटे से शादी का प्रस्ताव रखा। वर सुमन ने भी कोमल को पसंद किया। दोनों की शादी तय कर दी गई। रविवार की दोपहर सुमन दूल्हा बनकर हेलीकॉप्टर से सुघराइन आ गया। हेलीकॉप्टर से दूल्हे की आने की खबर आग की तरह फैल गई। देखने के लिए आस पास के गांवों से लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इलाके के गणमान्य लोगों ने दूल्हे की आगवानी की।

 

बस से पहुंचे बाराती, घंटों करना पड़ा इंतजार 

वधू पक्ष एवं ग्रामीणों को घंटों बाराती का इंतजार करना पड़ा। रात करीब एक बजे वर के पिता बाराती बस के साथ पहुंचे। तब शादी की रश्म शुरू हुई। बाराती के ठहरने की व्यवस्था सुघराइन स्कूल में की गई थी। हेलीकॉप्टर के पायलट के लिए समस्तीपुर जिले के हसनपुर चीनी मिल के गेस्ट हाउस में व्यवस्था की गई थी।

दुल्हन के पिता शिवशंकर राय ने बताया कि दूल्हे का पिता गांव के रिश्ते से भांजा लगता है। अब मेरे समधी बन गए हैं। मैं एक छोटा सा किसान हूँ। सौभाग्य है कि बेटी की शादी मुझसे बड़े परिवार में हुई है। जहां तक हेलीकॉप्टर की बात है तो दूल्हे का शौक था कि वह अपने शादी में हेलीकॉप्टर से जाए। जिसमें दूल्हे के दोस्तों ने भी सहयोग किया।

हेलीकॉप्टर उतारने के लिए पहली मार्च को बिरौल एसडीओ से अनुमति ली गई थी। तीन सीट वाले इस हेलीकॉप्टर का किराया 60 हजार रुपये प्रति घंटा बताया जा रहा है।

Input : Dainik Jagran

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