केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 7,926 करोड़ रुपए की कथित बैंक धोखाधड़ी को लेकर हैदराबाद के ट्रांसस्ट्रॉय (इंडिया) लिमिटेड और उसके निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह देश के बड़े बैंक घोटालों में शामिल नीरव मोदी केस से भी बड़ा मामला है। जांच एजेंसी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि एजेंसी ने कंपनी और आरोपी निदेशकों के परिसरों की तलाशी ली और उसे अभियोजनयोग्य दस्तावेज मिले।

सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में कंपनी, उसके अध्यक्ष-सह प्रबंध निदेशक चेरूकुरी श्रीधर और अतिरिक्त निदेशक रयापति संबाशिवा राव एवं अक्किनेनी सतीश को नामजद किया है। आरोप है कि हैदराबाद की इस निजी कंपनी और उसके निदेशकों ने विभिन्न बैंकिंग व्यवस्थाओं के तहत ऋण लिया था।

सीबीआई प्रवक्ता आर के गौड़ ने कहा, ”केनरा बैंक की अगुवाई में बैंकों का समूह बनाया गया। यह भी आरोप है कि लेखा पुस्तिकाओं का फर्जीवाड़ा किया गया, स्टॉक विवरणों में जालसाजी की गई, तुलन-पत्र में छेड़छाड़ की गई और रकम को इधर-उधर ले जाकर प्राप्त किया गया, आदि बातें शामिल है।”

Maharashtra withdraws general consent to Central Bureau of Investigation; agency now cannot investigate within state - India Legal

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि बैंक के सदस्यों को 7,926.01 करोड़ रुपए का चूना लगाकर निदेशकों ने पैसे गबन किया। गौड़ ने कहा, ”हैदराबाद और गुंटूर में निजी कंपनी /अन्य आरोपियों के परिसरों की तलाशी की गई जिससे अभियोजनयोग्य दस्तावेज मिले।” सीबीआई के अनुसार नीरव मोदी ने कथित रूप से 6000 करोड़ रुपए और उसके मामा ने 7080.86 करोड़ रुपए की हेराफेरी की थी।

Source : Hindustan

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