नई दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health & Family Welfare) ने बहुत हल्के/लक्षण दिखने से पूर्व/ बिना लक्षण वाले कोविड-19 के मरीजों (Covid-19 Patients) के लिए होम आईसोलेशन की गाइडलाइंस जारी की हैं. जिसमें सरकार की ओर से बताया गया है कि किस तरह के मरीजों को और किन परिस्थितियों में होम आईसोलेशन (Home Isolation) में रखा जा सकता है. सरकार ने अपने 10 मई के निर्देश को बदलते हुए यह निर्देश जारी किए हैं. 10 मई को जारी आदेश में कहा गया था कि सभी तरह के मरीजों को क्लीनिकल फैसिलिटी में रहना होगा. सरकार की ओर से कहा गया कि चूंकि बड़ी तादाद में कोविड-19 मरीज बगैर लक्षणों या बेहद हल्के लक्षणों वाले हैं ऐसे में उन्हें घर पर ही रहने की हिदायत दी जाती है. सरकार की ओर से कुछ नियम तय किए गए है.

सरकार की ओर से कहा गया है कि बगैर लक्षणों वाले मरीजों को होम आईसोलेशन के लिए मेडिकल ऑफिसर की इजाजत लेनी होगी. ऐसे लोगों के घर पर सेल्फ आईसोलेशन की सुविधा होनी जरूरी है इसके साथ ही साथ इन लोगों के परिवार वालों के लिए भी क्वारंटाइन की सुविधा होना जरूरी है. प्रतिरक्षा में अक्षमता वाले मरीज (एचआईवी, ट्रांसप्लांट कराने वाले लोग, कैंसर थेरेपी करा रहे लोग) होम आईसोलेशन के लिए मान्य नहीं हैं. 60 साल से ज्यादा उम्र के मरीज या जो पहले से कई और बीमारियों से पीड़ित हैं जैसे- हाइपरटेंशन, डायबिटीज, हृदय रोग, फेफड़े, लीवर, किडनी की बीमारी से पीड़ित, मस्तिष्क की बीमारी से पीड़ित मरीजों को मेडिकल ऑफिसर की पर्याप्त जांच के बाद ही घर में रहने की इजाजत मिलेगी.

गाइडलाइंस का पालन करना जरूरी
तीमारदार को ख्याल रखने के लिए 24 घंटे सातों दिन उपलब्ध रहना होगा. उसे होम आईसोलेशन के दौरान लगातार अस्पताल के संपर्क में रहना होगा. ऐसे मरीजों के तीमारदार और अन्य करीबियों को इलाज कर रहे डॉक्टर की सलाह से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन प्रोफाएलेक्सिस लेनी होगी. आरोग्य सेतु ऐप को डाउनलोड करना होगा और हर समय ब्लूटूथ या वाईफाई के जरिए उस पर एक्टिव रहना होगा. मरीज को अपनी सेहत का ख्याल रखना होगा और जिले के सर्विलांस अधिकारी को नियमित रूप से अपने बारे में जानकारी देनी होगी, जो कि आगे अपनी टीम के जरिए निगरानी रख सके.

मरीज को सेल्फ आईसोलेशन के लिए बनाई गई सभी गाइडलाइंस का पालन करना होगा और इलाज कर रहे डॉक्टर को पूरी तरह सुनिश्चित होने के बाद ही होम आईसोलेशन की इजाजत देनी होगी.

मरीज को करने होंगे ये काम
मरीज को हर समय मास्क पहनना होगा और हर आठ घंटे में उसे बदलना होगा. मरीज को अलग कमरे में रहना होगा और बूढ़े और पहले से बीमार लोगों से दूर रहना होगा. उसे अपनी सेहत को रोजाना मॉनिटर करना होगा और अपने सामान को किसी अन्य व्यक्ति के साथ नहीं शेयर करना होगा.

ऐसी स्थिति होने पर हो जाए सचेत
सांस लेने में तकलीफ होने, ऑक्सीजन लेवल कम होने, छाती में दर्द या दबाव होने, दिमागी उलझन या उठने में परेशानी होने, जबान लड़खड़ाने, शरीर में कमजोरी होने या फिर बेजान पड़ने, होठों के आस-पास की त्वचा हल्की नीली होने की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना होगा.

Input : News18

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