इस धनतेरस (Dhanteras) पर 100 सालों बाद अबूझ मुहूर्त है. दरअसल, इस बार धनतेरस शुक्रवार को पड़ रहा है और इस दिन शुक्र प्रदोष भी रहेगा. इसके चलते शुक्र प्रदोष और धन त्रयोदशी का महासंयोग बन रहा है.
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार धनतेरस (Dhanteras 2019) पूजा का विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और धन के देवता कुबेर की पूजा करने से घर-परिवार की खुशियों में वृद्धि होती है और आर्थिक कष्ट भी दूर होते हैं. धनतेरस (Dhanteras 2019) मतलब अपने धन को तेरह गुना बनाने और उसमें वृद्धि करने का दिन. इसी दिन भगवान धनवन्तरी का जन्म हुआ था जो कि समुन्द्र मंथन के दौरान अपने साथ अमृत का कलश और आयुर्वेद लेकर प्रकट हुए थे और इसी कारण से भगवान धनवन्तरी को औषधी का जनक भी कहा जाता है.
धनतेरस के दिन सोने-चांदी के बर्तन खरीदना भी शुभ माना जाता है. इस दिन धातु खरीदना भी बेहद शुभ माना जाता है. इस धनतेरस (Dhanteras) पर 100 सालों बाद अबूझ मुहूर्त है. दरअसल, इस बार धनतेरस शुक्रवार को पड़ रहा है और इस दिन शुक्र प्रदोष भी रहेगा. इसके चलते शुक्र प्रदोष और धन त्रयोदशी का महासंयोग बन रहा है. इस दिन बने योगों की बात करें तो ब्रह्म और सिद्धि योग भी बन रहा है. इस मुहूर्त में जो भी खरीदी या काम किया जाएगा वह समृद्धिकारक होगा.
धनतेरस पूजन शुभ मुहूर्त –
ज्योतिषाचारर्यों के अनुसार, इस साल धनतेरस का त्योहार 25 अक्टूबर 2019 को मनाया जाने वाला है. घरों में पूजन का उत्तम मुहूर्त वृष लग्न में शाम 6 बजकर 12 मिनट से 8 बजकर 28 मिनट रहेगा. वहीं मंदिरों में पूजा के लिए शाम 7:06 बजे से रात 08:16 बजे तक का समय शुभ रहेगा.
खरीदारी का शुभ मुहूर्त
– इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स खरीदने के लिए सुबह 9 बजे से दोपहर के 2 बजकर 40 मिनट का समय शुभ रहेगा.
– वाहन की खरीददारी के लिए दोपहर 2 बजकर 12 का समय शुभ है.
– सोने-चांदी के आभूषण खरीदने के लिए शाम 5:30 मिनट का समय शुभ रहेगा.
– वहीं घरेलू सामान खरीदने के लिए शाम 7:30 बजे का समय शुभ है.
धनतेरस पूजन विधि –
प्रातः उठकर सबसे पहले घर की साफ-सफाई करें. इसके बाद खुद भी स्नान आदि कर पवित्र होकर पूजन का संकल्प लें. शाम के समय भगवान धनवंतरी की पूजा के लिए उनकी तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें. साथ ही माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें. फिर जल लेकर तीन बार आचमन करें और सभी प्रतिमाओं पर जल छिड़कें. भगवान का टीका करें और वस्त्र अर्पित करें. भगवान के मंत्रो का जाप करते हुए उन्हें प्रणाम करें और भगवान को पुष्प अर्पित करें. साथ ही घर के लिए जो चीजें खरीदी हैं उनकी भी पूजा करें. इसके बाद भगवान को भोग अर्पित करें और घर के बाहर, दुकान आदि में तेरह दीपक जलाएं.
धनतेरस पूजन महत्व –
‘हिंदू कैलेंडर के मुताबिक धनतेरस कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है. इसके ठीक दो दिन बाद दीपावली मनाई जाती है. ‘धन’ का मतलब समृद्धि और ‘तेरस’ का मतलब तेरहवां दिन होता है. कारोबारियों के लिए धनतेरस का खास महत्व होता है क्योंकि धारणा है कि इस दिन लक्ष्मी पूजा से समृद्धि, खुशियां और सफलता मिलती है. साथ ही सभी के लिए इस पूजा का खास महत्व होता है.