भीषण गर्मी के बीच मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के जिलों में फैले चमकी बुखार के प्रकोप से तबाही मची हुई है। 15वें दिन शनिवार को 18 बच्चों की मौत हो गई।

14 मौत एसकेएमसीएच व चार मौत कांटी पीएचसी में हुई। वहीं एसकेएमसीएच व केजरीवाल अस्पताल मिलाकर शाम तक 54 नये मरीज भर्ती हुए।

एसकेएमसीएच में 34 व केजरीवाल में 20 नये बच्चे भर्ती कराये गये। अबतक चमकी बुखार के 297 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 101 बच्चों ने दम तोड़ दिया। हालांकि विभागीय रिपोर्ट के अनुसार अभी 220 मामले ही सामने हैं जिनमें 62 बच्चों की मौत हुई है।

एईएस से बच्चों की हो रही मौत को लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने एसकेएमसीएच पहुंचकर वस्तुस्थिति का जायजा लिया। उन्होंने सभी पीआईसीयू को भी देखा। इसके साथ प्राचार्य डॉ. विकास कुमार, अधीक्षक डॉ. एसके शाही, सिविल सर्जन डॉ. एसपी सिंह व अन्य वरीय अधिकारियों के साथ बैठक की।

प्रधान सचिव ने कहा कि एईएस के प्रोटोकॉल पर बेहतर इलाज हो रहा है। एम्स पटना के पीआईसीयू सीसीयू के विशेषज्ञ डॉ. रामानुज शर्मा की सहायक प्रोफेसर पद पर नियुक्ति की गई है। इस क्षेत्र के छह नर्सिंग स्टॉफ की भी तैनाती की कर दी गई है। इधर, एसकेएमसीएच के अधीक्षक, सिविल सर्जन ने एसकेएमसीएच में आठ मौत की पुष्टि की है।

Input : Live Hindustan

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