INDIA
2 साल में देशभर से खत्म कर दिए जाएंगे टोल प्लाजा, जानें कैसे वसूली करेगी सरकार

देशभर में वाहनों की स्वतंत्र आवाजाही के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बताया कि आने वाले दो सालों में भारत को टोल नाका मुक्त (toll naka mukat) बना दिया जाएगा. इसके लिए सरकार ने ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) को अंतिम रूप देने का फैसला लिया है. गुरुवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आने वाले दो सालों में वाहनों का टोल सिर्फ आपके लिंक्ड बैंक खाते से ही काटा जाएगा.
ASSOCHAM के साथ की बैठक
एसोचैम फाउंडेशन वीक कार्यक्रम में बातचीत करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि रूस सरकार की मदद से हम जल्द ही GPS सिस्टम को फाइनलाइज्ड कर लेंगे, जिसके बाद दो सालों में भारत पूरी तरह से टोल नाका मुक्त हो जाएगा.
बता दें इस समय देश में सभी कॉमर्शियल वाहन ट्रैंकिग सिस्टम से लैस हैं. वहीं, सरकार सभी पुराने वाहनों में भी जीपीएस सिस्टम टेक्नोलॉजी लगाने के लिए तेजी से काम करेगी.
1.34 ट्रिलियन तक बढ़ जाएगी टोल से आय
GPS टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की टोल आय पांच साल में 1.34 ट्रिलियन तक बढ़ सकती है. मंत्री ने कहा, “कल सड़क परिवहन और राजमार्ग और अध्यक्ष, एनएचएआई की मौजूदगी में, टोल संग्रह के लिए जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल करके एक प्रस्तुति दी गई थी. हम उम्मीद कर रहे हैं कि अगले पांच सालों में हमारी टोल आय 1,34,000 करोड़ रुपए होगी.”
एक साल पहले फास्टैग किया था अनिवार्य
सरकार देश भर में वाहनों की स्वतंत्र आवाजाही बनाने के लिए यह खास कदम उठा रही है. पिछले एक साल में, केंद्र सरकार ने देश के सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग अनिवार्य कर दिया है. फास्टैग की अनिवार्यता के बाद ईधन की खपत में आई है. इसके अलावा प्रदूषण पर भी लगाम लगी है.
कैशलैस ट्रांजेक्शन को मिला बढ़ावा
इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन डिवाइस के इस्तेमाल से कैशलैस लेनदेन को भी बढ़ावा मिला है. इसके साथ ही टोल संग्रह में पारदर्शिता भी देखने को मिली है. FASTag का उपयोग पिछले कुछ महीनों में काफी बढ़ा है. नवंबर में जारी किए गए NHAI के एक बयान के मुताबिक, फैस्टैग अब तक के कुल टोल कलेक्शन में लगभग तीन-चौथाई का योगदान देता है. वहीं, एक साल पहले ₹ 70 करोड़ की तुलना में ₹ 92 करोड़ पर था.
Source : News18
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सर्दी से बचने को कमरे में जलाई थी अंगीठी, मौत की नींद सोया पूरा परिवार

बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सोना एक परिवार के लिए जानलेवा साबित हुआ है। दिल्ली से सटे फरीदाबाद में सर्दी से बचने के लिए कमरे में अंगीठी जलाकर सो रहे एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। मौत का कारण दम घुटना बताया जा रहा है। पुलिस ने तीनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजकर मामले की जांच शुरू कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, फरीदाबाद के थाना सेक्टर-58 क्षेत्र के ओम एंक्लेव की राजीव कॉलोनी में मंगलवार रात सर्दी से बचने के लिए कमरे में अंगीठी जलाकर सो रहे एक ही परिवार के तीन लोगों की दम घुटने से मौत हो गई। मृतकों में पति-पत्नी और 2 साल का मासूम बच्चा शामिल हैं। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची सेक्टर-58 थाना पुलिस ने तीनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए बीके अस्पताल भेज दिया है।
घटना और मृतकों के बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकी है। पुलिस घटनास्थल की गहनता से जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ हो सकेगी
बंद करने में अंगीठी जलाकर कभी न सोएं
कड़ाके की सर्दियां शुरू हो चुकी हैं। ऐसे में लोग ठंड से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय करेंगे। कमरों को गर्म रखने के लिए, अलाव, अंगीठी और हीटर जैसे उपकरण जलाए जाएंगे, लेकिन कमरों को गर्म रखने के लिए ये उपाय आपके लिए जानलेवा भी हो सकते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो सावधान रहें। अंगीठी में इस्तेमाल होने वाले कोयले या लकड़ी के जलने से कॉर्बन मोनोऑक्साइड के अलावा कई जहरीली गैसें निकलती हैं, जो जानलेवा साबित हो सकती हैं। अंगीठी ही नहीं, इस तरह का खतरा रूम हीटर से भी हो सकता है।
हीटर या अंगीठी से कम हो जाता है कमरे में ऑक्सीजन लेवल
कोयला या अलाव जलाने से कार्बन मोनोऑक्साइड के अलावा कई प्रकार की जहरीली गैसें निकलती हैं। कोयला बंद कमरे में जल रहा हो, तो इससे पर्यावरण में कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है और ऑक्सीजन का लेवल घट जाता है। यह कार्बन, दिमाग पर सीधे असर डालता है और सांसों के जरिये शरीर के अंदर भी पहुंचता है। दिमाग पर असर होने से कमरे में सोया कोई भी इंसान बेहोश हो सकता है। ब्लड में यह कार्बन घुलकर धीरे-धीरे ऑक्सीजन को कम कर देता है। बंद कमरे में लंबे समय तक ब्लोअर या हीटर जलाने से कमरे का तापमान बढ़ जाता है और नमी का लेवल कम हो जाता है। इस वजह से नॉर्मल लोगों को भी सांस संबंधी समस्या हो सकती है। अगर आप हीटर का प्रयोग करते हैं, तो कमरे में एक बाल्टी पानी रखें, जिससे कुछ हद तक नमी बनी रहे।
इन बातों का रखें खास ध्यान
घर में वेंटिलेशन हो तभी अलाव, हीटर या ब्लोअर चलाएं।
अलाव जलाकर उसके पास न सोएं, साथ में पानी से भरी बाल्टी जरूर रखें, आग जलाएं तो जमीन पर सोने से बचें। घर में अगर कोई बच्चा हो, तो आग न जलाएं तो ज्यादा बेहतर है।
यदि रात में हीटर, ब्लोअर या अंगीठी का इस्तेमाल करते हैं, तो इनके करीब प्लास्टिक, कपड़े, केमिकल्स न रखें, ढीले प्लग, कटे तार से भी हादसा हो सकता है।
ये सावधानियां बरतें
हीटर, ब्लोअर या अंगीठी जलाते समय कमरे को पूरी तरह से बंद नहीं करना चाहिए। गर्मी से धीरे-धीरे कमरे का ऑक्सीजन खत्म हो जाता है और कार्बन मोनोऑक्साइड ज्यादा होने लगता है। यह जहरीली गैस सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंच कर खून में मिल जाती है। इस वजह से खून में हीमोग्लोबिन का लेवल घट जाता है और बेहोशी छाने लगती है और इंसान की मौत हो जाती है। अगर कमरे में एक से ज्यादा व्यक्ति सो रहे हैं तो ज्यादा देर तक आग न जलाएं, क्योंकि ज्यादा लोग होने से कमरे में ऑक्सीजन की और कमी हो जाती है।
Input: Live Hindustan
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अगर 1 घंटे में निपटा दी इस रेस्टोरेंट की ‘बुलेट थाली’ तो ईनाम में मिलेगी रॉयल एनफील्ड

भारत में लोग खाना के बहुत शौकीन हैं। कुछ लोगों को तो देश के कोने- कोने के अलग-अलग व्यंजन चखने का मानो चस्का होता है। यहां महाराजा थाली से लेकर बाहुबली थाली तक खूब बिकती है। लेकिन कैसा हो अगर खाने का यही शौक आपको बुलेट बाइक दिला दे, वो भी बिलकुल मुफ्त। दरअसल, पुणे के एक शिवराज होटल ने ऐसी ही थाली तैयार की है जिसे 1 घंटे में खाने वाले के ईनाम में रॉयल एनफील्ड बुलेट बाइक दी जाएगी। इस थाली का नाम है- बुलेट थाली। ये बुलेट थाली एक नॉन-वेज थाली है जिसमें 4 किलो मटन और तली हुई मछली के साथ लगभग 12 प्रकार के व्यंजन रखे गए हैं। ये थाली तैयार करने के लिए 55 लोग काम करते है।
क्या-क्या है इस खास थाली में-
पोम्फ्रेट 8 पीस, सुरमई 8 पीस ,चिकन लेग 8 पीस , किलाम्बी करी, मटन मसाला 1, भूना मुर्ग, कोलांबी बिरयानी, 8 भकारी, 8 रोटी,1 सुकत, कोलांबी कोलीवाड़ा, 4 पानी की बोतल, रायता, 8 सोलकधि , 8 भुने हुए पापड़ और 8 मटन अलानी सूप
बुलेट थाली चैलेंज में हैं दो विकल्प
– यदि आप 4444 रुपये मूल्य की बड़ी बुलेट थाली खरीदते हैं और दो लोग मिलकर इसे सिर्फ एक घंटे में पूरी तरह खत्म कर देते हैं तो आप नई एनफील्ड बुलेट मोटरसाइकिल ले जा सकते हैं वो भी बिलकुल मुफ्त।
– यदि आप 2500 रुपये मूल्य की छोटी बुलेट थाली खरीदते हैं और एक घंटे में अकेले ही इसे पूरी तरह खत्म कर देते हैं तो भी आप नई एनफील्ड बुलेट मोटरसाइकिल ले जा सकते हैं।
इंडिया टुडे से बात करते हुए, वाडगांव मावल क्षेत्र में स्थित शिवराज होटल के मालिक अतुल वायकर ने कहा कि उन्होंने ग्राहकों को अपने रेस्टोरेंट में बुलाने के लिए एक प्रतियोगिता शुरू करने के बारे में सोचा और रेस्टोरेंट के बाहर 5 बुलेट बाइक सजा दीं। आम तौर पर इस शिवराज होटल में छह प्रकार की बड़ी थालियां तैयार की जाती हैं – स्पेशल रावण थली, बुलेट थली, मालवानी मछली थली, पहलवान मटन थली, बकासुर चिकन थली और सरकार मटन थाली। अतुल वाईकर ने बताया कि अब तक केवल महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के निवासी सोमनाथ पवार एक घंटे से भी कम समय में बुलेट थली को खत्म करने में कामयाब रहे हैं। उन्हें एक बुलेट ईनाम में दी गई है।
Input: Live Hindustan
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दुनिया देखे कि कैसे संकट में पड़ोसियों का सहारा बना है भारत, आज से बांग्लादेश, नेपाल सहित 6 देशों को देगा कोरोना टीका

भारत सरकार ने भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और सेशेल्स को अनुदान सहायता के तहत आज यानी 20 जनवरी से कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति शुरू कर दी है। कोविशील्ड वैक्सीन की 1.5 लाख डोज वाली पहली खेप भारत ने भूटान को रवाना कर दी है। आज महाराष्ट्र के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट से भूटान की राजधानी थिम्पू के लिए वैक्सीन की पहली खेप रवाना कर दी गई।
इसी तरह आज अलग-अलग समय पर भारत सरकार इन पड़ोसी देशों को वैक्सीन उपलब्ध करवाएगी। विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत सरकार को पड़ोसी और प्रमुख भागीदार देशों से भारत निर्मित टीकों की आपूर्ति के लिए कई अनुरोध प्राप्त हुए हैं। इन अनुरोधों के जवाब में आपूर्ति सुनिश्चित करने का फैसला किया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि श्रीलंका, अफगानिस्तान और मॉरीशस के संबंध में आवश्यक नियामक मंजूरी की प्रतीक्षा है।
मंत्रालय ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों और अन्य को कवर करने के लिए चरणबद्ध तरीके से भारत में टीकाकरण कार्यक्रम लागू किया जा रहा है, चरणबद्ध रोलआउट की घरेलू आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए भारत आने वाले हफ्तों और महीनों में चरणबद्ध तरीके से कोविड टीकों की आपूर्ति जारी रखेगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि घरेलू निर्माताओं के पास विदेश में आपूर्ति करते समय घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त स्टॉक होगा।
टीकों की डिलीवरी से पहले एक प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय और प्रांतीय, दोनों स्तरों पर आयोजित किया गया है। इसमें प्रशासनिक और परिचालन पहलुओं को कवर करते हुए 19-20 जनवरी 2021 को टीकाकरण प्रबंधकों, कोल्ड चेन अधिकारियों, संचार अधिकारियों और प्राप्तकर्ता देशों के डेटा प्रबंधकों को शामिल किया गया है।
भारत पहले भी कर चुका है मदद:
मंत्रालय ने कहा भारत ने पहले महामारी के दौरान बड़ी संख्या में देशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, रेमडेसिविर और पेरासिटामोल गोलियों के साथ-साथ डायग्नोस्टिक किट, वेंटिलेटर, मास्क, दस्ताने और अन्य चिकित्सा आपूर्ति की थी। अलग-अलग भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम के तहत सहयोगी देशों के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और प्रशासकों के लिए कई प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जो महामारी से निपटने में हमारे अनुभव को साझा करते हैं। मंत्रालय ने कहा कि सतत प्रयास के तहत भारत दुनियाभर के देशों को टीकों की आपूर्ति जारी रखेगा। जिसमें विकासशील देशों के लिए गावी के तहत कोवाक्स सुविधा शामिल है।
भारत बांग्लादेश को 20 लाख टीके का तोहफा देगा
भारत अपने पड़ोसी देश बांग्लादेश को तोहफे के रूप में कोरोना रोधी कोविशील्ड टीके की 20 लाख खुराकें देगा। बांग्लादेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को लिखे गए भारतीय उच्चायोग के पत्र का हवाला देते हुए मीडिया में कहा गया कि एक विशेष विमान से ये टीके शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 20 जनवरी को आएंगे। स्वास्थ्य मंत्री जाहिद मालेक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) द्वारा कोरोना टीकों के लिए अतिरिक्त भंडारण प्रदान किया जाएगा। गौरतलब है कि 8 जनवरी को बांग्लादेश ने भारत से कोविशील्ड टीके की 30 मिलियन खुराक की खरीद को मंजूरी दी थी।
कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन ने कोरोना रोधी टीका उपलब्ध कराने में भारत सरकार से मदद मांगी है। उन्होंने अनुरोध किया कि कंबोडियाई लोगों को संक्रमण से बचाने में मदद करने के लिए भारत कोरोना टीकों का दान करे। कंबोडिया में भारतीय राजदूत देवयानी उत्तमखोबरागड़े के साथ अपनी बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने यह अनुरोध किया। हुन सेन ने भारत को कोरोना टीकों के सफल उत्पादन के लिए बधाई दी। हाल ही में चीन द्वारा दान किए गए टीकों के बावजूद कंबोडिया को अभी लाखों टीकों की जरूरत होगी।
Input: Live Hindustan
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