पुल निर्माण का कार्य हमेशा ही चलने वाला है। कई जगह ये समय पर पूरा हो जाता, और कई जगह टेंडर मिलने बाद, कुछ कार्य करके उसे बीच में छोड़ दिया जाता।
ऐसा ही कुछ हुआ है, मुजफ्फरपुर के ग्राम लदौर, गायघाट में, जो कि बाढ़ ग्रष्ट श्रेणी में आता है। रजुआ नामक नदी पर पुल निर्माण का कार्य 2013 में शुरू हुआ था। लेकिन अब 2020 तक वो सम्पूर्ण रूप से बन कर तैयार नहीं है।
कार्य प्रगति पर भी नहीं है, जिससे लोगों को उसके पूरे होने की आशा मिले। लेकिन निर्माण संदर्भ में बिहार के मुख्यमंत्री, देश के प्रधानमंत्री, केन्द्र के विभिन्न विभाग में आयुक्त अधिकारी, राज्य के ग्रामीण कार्य विभाग अधिकारी, पुल निर्माण निगम अथवा विभिन्न व्यक्तियों से बात करके भी कुछ फायदा नहीं हुआ।
कार्य की प्रगति पर सवाल करने पर वो लोग एक दूसरे अधिकारियों पर इल्ज़ाम लगाने लगे। इस सब से भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया। आज तक ना इस पुल निर्माण कार्य की रेटेंडरिंग हुई ना कोई अधिकारी इसके बारे में सही जवाब देता है।
स्थगित निर्माण कार्य के वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा। इससे देश के भविष्य को भी नुकसान ही रहा, क्यूंकि नवयुवक एवम् युवतियां शिक्षा प्राप्त करने विद्यालय नहीं जा पा रहे। लोगों को चिकित्सक तक पहुंचने में परेशानी हो रही।
तो सवाल ये है कि, लोगो की समस्या कब ख़तम होगी? ऐसे कई कार्य होंगे, जिनके निर्माण की स्थिति का कोई अंदेशा नहीं है।