पटना के गांधी मैदान में 2013 में नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली के दौरान हुए सीरियल ब्लास्ट के मामले में अदालत ने सजा का ऐलान कर दिया है. पटना की एनआईए कोर्ट ने सोमवार को गांधी मैदान सीरियल ब्लास्ट केस में 4 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई जबकि 2 दोषियों को उम्रकैद और 2 दोषियों को 10 साल की सजा, एक दोषी को 7 साल की सजा सुनाई है. 2013 में हुए बम धमाकों के मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने नौ अभियुक्तों को बुधवार को दोषी करार दिया था जबकि एक आरोपी को साक्ष्य के अभाव में बरी घोषित कर दिया था. इन्हीं आरोपियों की सजा पर अदालत ने सोमवार को फैसला सुनाया है.
एनआईए अदालत के विशेष न्यायधीश गुरविंदर मल्होत्रा ने 2013 को पटना के गांधी मैदान में सिलसिलेवार ढंग से हुए बम धमाकों मामले में इम्तियाज अंसारी, मुजीबुल्लाह, हैदर अली, फिरोज असलम, नोमान अंसारी, इफ्तिखार, अहमद हुसैन, उमेर सिद्दिकी एवं अजहरुद्दीन को दोषी करार दिया था जबकि साक्ष्य के अभाव में फखरुद्दीन को बरी घोषित किया.
इस मामले में एनआईए ने 11 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था जिनमें से एक अभियुक्त की उम्र कम होने के कारण उसका मामला किशोर अदालत में हस्तांतरित हो गया था. उनके अनुसार बाकी बचे दस अभियुक्तों के खिलाफ एनआईए अदालत में सुनवाई चली.
क्या है मामला
पटना के गांधी मैदान में 27 अक्टूबर 2013 को आयोजित भाजपा की हुंकार रैली के मुख्य वक्ता तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी थे तथा मोदी सहित पार्टी के नेताओं के मंच पर पहुंचने के करीब 20 मिनट पहले मैदान में सिलसिलेवार धमाके हुए थे जिसमें छह लोगों की मौत हो गयी थी एवं करीब सात दर्जन लोग जख्मी हो गए थे.
गांधी मैदान ब्लास्ट का मास्टरमाइंड हैदर अली और मुजीबुल्लाह को बताया जाता है. एनआईए ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद जब सख्ती से पूछताछ की तो इम्तियाज ने कई नाम उगले. जिसके बाद धमाकों के मास्टरमाइंट समेत दो दर्जन से अधिक आतंकियों को जांच एजेंसी ने दबोच लिया. इसी पूछताछ में बोधगया ब्लास्ट मामले का खुलासा भी हुआ.
Source : News18
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