नवरुणा ह’त्याकां’ड की जांच पूरी करने के लिए सीबाआइ को छह माह और समय चाहिए। इसके लिए उसने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की है। यह उसकी नौवीं डेडलाइन की अर्जी है। इस पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अब तक तारीख मुकर्रर नहीं की है। इससे पहले तीन माह की आठवीं डेडलाइन 21 नवंबर को समाप्त हो गई। इसे बढ़ाने के लिए दाखिल अर्जी में सीबीआइ ने पिछले तीन माह के दौरान हुई जांच के संबंध में सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी है। इसके अलावा अब तक की जांच से संबंधित प्रगति प्रतिवेदन भी सीलबंद लिफाफे में सौंपा है। यह प्रतिवेदन फिलहाल गोपनीय है।
सीबीआइ ने अपनी अर्जी में कहा है कि नगर थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष व इस मामले की जांच करने वाले जितेंद्र प्रसाद की गुजरात के गांधीनगर स्थित फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री में ब्रेन मै¨पग कराई गई। इसमें नवरुणा के अपहरण व हत्या में उसकी संलिप्तता के साक्ष्य नहीं मिले हैं, लेकिन इस मामले में वरीय अधिकारियों के कदाचार से संबंधित कुछ जानकारी उसके पास है। इसकी जांच की जा रही है। इस मामले में पिछले दिनों सीबीआइ ने सुराग देने वालों को दस लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की थी। अर्जी में जांच एजेंसी ने कहा है कि इसके फलदायक परिणाम सामने आ रहे हैं। सूचनाएं आने लगी हैं। इससे जांच को आगे बढ़ाने में सहयोग मिलेगा। सूचनाओं का सत्यापन कराया जा रहा है।
हड्डियों व कपड़े की दोबारा जांच
26 नवंबर 2012 को नवरुणा के घर के सामने नाले से मिली हड्डियों व कपड़े की दोबारा जांच कराई जा रही है। इसे जांच के लिए मध्यप्रदेश के सागर स्थित फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री भेजा गया है। सीबीआइ ने दावा किया है कि जांच के दौरान कुछ संदिग्धों के खिलाफ परिस्थितिजन्य साक्ष्य मिले हैं। 20 लोगों की दोबारा जांच की गई है। नवरुणा के अपहरण के 69 दिनों के बाद उसके घर के नाले में लाश को रखने वाले व उसके ठिकानों से संबंधित से पूछताछ की गई। साढ़े चार वर्ष से अधिक समय की अपनी जांच में सीबीआइ ने 332 लोगों से पूछताछ की। 12 लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट, चार का ब्रेन मै¨पग, दो का नाकरे व एक का लेयर्ड वायस एनालाइसिस (एलवीए) टेस्ट हो चुका है।
Input : Dainik Jagran