शहर में वायु प्रदूषण का स्तर एक दिन पूर्व के मुकाबले गुरुवार को और अधिक खराब स्थिति में पहुंच गया। हालत लगातार बिगड़ती नजर आ रही है। लंबे समय तक ऐसी स्थिति रहने पर लोगों को सास की बीमारी हो सकती है। फेफड़े और दिल की बीमारियों वाले लोगों पर इसका प्रभाव खतरनाक हो सकता है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन केंद्र, मुजफ्फरपुर के अनुसार एयर क्वालिटी 326 से बढ़कर 341 पर पहुंच गई। यह काफी खराब स्थिति है और रेड जोन की ओर तेजी से बढ़ रही है। शाम आठ बजे कलेक्ट्रेट कैंपस में अवस्थित प्रदूषण केंद्र से ये आंकड़ा सामने आया। दिल्ली में एयर क्वालिटी वैल्यू 456 से बढ़कर 463 तो पटना में ये 373 से बढ़कर 389 हो गई। प्रदूषण के गिरते स्तर को देखते हुए जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने कहा कि मौजूदा हालात पर पैनी नजर रखी जा रही है।

 

एहतियातन जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण कमेटी की मंगलवार को बैठक बुलाई गई है। हर स्तर पर नजर रखी जा रही है। प्रमुख सड़कों पर पानी का छिड़काव हो रहा है। धुआं उगलने वाले वाहनों की चेकिंग बढ़ा दी गई है। प्रदूषण नियंत्रण की मॉनीटरिग के लिए तीन सेंटर बनाने हैं। एक जगह पहले से है तो दूसरा जिला स्कूल में होगा। तीसरे के लिए भूमि की तलाश की जा रही है। डेंजर लेबल की ओर तेजी से बढ़ रहा प्रदूषण का स्तर एयर क्वालिटी इंडेक्स के हिसाब से बुधवार को जहां खराब स्थिति दर्ज की गई थी। वहीं अगले 24 घंटे में ही यह बढ़कर और बदतर हो गई। यह स्तर अत्यंत खतरनाक जोन से सिर्फ एक पायदान पीछे का है। अगर प्रदूषण का स्तर यूं ही जारी रहा तो लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो जाएगा। फिलहाल, जो स्थिति है बेहद चिंताजनक है। उसके मुताबिक स्वस्थ लोग भी सांस की बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। फेफड़े/हृदय रोगियों के लिए आबोहवा जानलेवा साबित हो सकती है। जैसे-जैसे हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है सबकी चिंता बढ़ा दी है। बुलाई गई है प्रदूषण नियंत्रण समिति की बैठक

जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने बताया कि प्रदूषण की स्थिति पर प्रशासन की लगातार नजर है। एहतियातन जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। नगर निगम व जिला परिवहन विभाग को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। प्रदूषण नियंत्रण समिति की बैठक बुलाई गई है।

Input: Dainik Jagran

 

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