अमृत सरोवर के निर्माण के लिए बिहार के सभी 38 जिलों में अब-तक कुल 2852 जगह चिह्नित कर लिये गये हैं। इनमें 1050 के निर्माण कार्य शुरू कर दिये गए हैं। शेष में भी जल्द काम शुरू किया जाएगा। अमृत सरोवर के लिए सरकारी जमीन अथवा जहां पहले से तालाब हैं, उसे ही अमृत सरोवर के रूप में विकसित किया जाना है। जो तालाब सूख गये हैं अथवा भर गये हैं, उनका भी इस योजना के अंतर्गत चयन किया गया है। निजी तालाब इसमें नहीं लिये जाएंगे।

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ग्रामीण विकास विभाग निरंतर जिलों से अमृत सरोवर की प्रगति रिपोर्ट ले रहा है। मालूम हो कि राज्य के हर जिले में 75-75 तालाबों के निर्माण और इनके जीर्णोद्धार का काम किया जाना है। आजादी के 75 साल के मौके पर मनाये जा रहे अमृत महोत्सव के अंतर्गत उक्त निर्णय लिये गये हैं। जल के संरक्षण और भू-जल स्तर को और बेहतर करने के मकसद से यह निर्णय लिया गया है। इसके अंतर्गत तालाबों की खुदाई करने के बाद उसका सौंदर्यीकरण किया जाएगा। तालाब के चारों ओर पौधरोपण भी किया जाएगा। सालोंभर इसमें पानी रहे, इसकी भी व्यवस्था की जाएगी।

मनरेगा के तहत तालाबों का निर्माण कराया जाएगा

मनरेगा योजना के तहत इन तालाबों का निर्माण कराया जाएगा। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जीर्णोद्धार के बाद इन तालाबों में बत्तख और मछली पालन पर भी आगे निर्णय लिया जाएगा। सबसे अधिक कटिहार जिले में 101 अमृत सरोवर के लिए जगह चिह्नित कर लिये गये हैं। वहीं छोटे जिले शिवहर में 27 तो अरवल में 35 जगह चिह्नित हुए हैं। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बड़े जिले में 75 से अधिक अमृत सरोवार विकसित किये जाएंगे। वहीं, जो छोटे जिले हैं, वहां 75 से कम संख्या में भी अमृत सरोवार बनेंगे। हालांकि हर जिले में 75 की संख्या के अनुसार राज्य में 2850 अमृत सरोवर होते हैं। पर, 2850 से अधिक जगह चिह्नित कर लिये गये हैं।

Source : Hindustan

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