नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के कारण 31 मई तक लॉकडाउन (Lockdown) घोषित किया गया है. इसके चलते कई लोग अपने परिवारों से दूर दूसरे शहरों में फंसे हुए हैं. ये सभी एक-दूसरे से मिलने का इंतजार कर रहे हैं. इस समय भले ही कुछ लोग अपने परिवार से दूर हों, लेकिन इस लॉकडाउन के कारण 3 साल से घर-परिवार से दूर मैसूर (Mysore) की सड़कों पर भटक रहे एक बुजुर्ग को परिवार से मिला दिया है.
यह घटना 70 साल के करम सिंह के साथ हुई. अफसरों के मुताबिक करम सिंह करीब 3 साल पहले अपने बेटे की शादी के लिए पैसे का इंतजाम करने के लिए उत्तर प्रदेश स्थित अपने गांव से बाहर निकले थे. उन्होंने गलती से बेंगलुरु जाने वाली ट्रेन पकड़ ली, लेकिन किसी तरह मैसूर पहुंच गए.
घर से दूर होने, लंबी यात्रा और तनाव ने उन्हें बीमार कर दिया. वह अपनी याददाश्त खो बैठे. उन्हें उनका पिछली जीवन याद ही नहीं रहा. वह मैसूर की सड़कों पर भटकने लगे. इस दौरान लोगों की ओर से दिए गए खाने पर वह जीवित रहे.
अब देश में लॉकडाउन लगा तो मैसूर में भी लॉकडाउन का पालन कराने के लिए स्थानीय अधिकारियों ने प्रयास जारी किए. इस दौरान करम सिंह सड़क पर घूमते हुए मिले. उनकी दिमागी हालत ठीक नहीं थी. कोई भी उनके बारे में कुछ जानता नहीं था. ऐसे में अफसरों ने उन्हें नांजाराजा बहादुर नाम के वृद्धाश्रम में रख दिया.
वृद्धाश्रम में कुछ मनोचिकित्सकों ने इलाज उनका इलाज किया. इसका असर यह हुआ कि धीरे-धीरे उनकी याददाश्त वापस आने लगी. उन्होंने अपने परिवार का पता बताया, जोकि उत्तर प्रदेश का था. ऐसे में मैसूर सिटी कॉरपोरेशन ने पुलिस जरिये उनके परिवार से संपर्क साधा. उनके परेशान बच्चे मानने लगे थे कि करम सिंह की मौत हो चुकी है. लेकिन जब उन्हें पता चला कि करम सिंह जिंदा हैं और अफसर उन्हें घर भेजने की तैयारी कर रहे हैं तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. स्वयंसेवी संस्था क्रेडिट आई करम सिंह को मैसूर से यूपी भेजने का बंदोबस्त कर रही है.
Input : News18