महज 30 साल के इस शख्स का हार्ट बेकाम हो गया। हैरान करने वाली एक बात यह भी है कि इस युवक को शराब और सिगरेट की लत नहीं थी फिर भी उसके हार्ट ने काम करना बंद कर दिया था। लेकिन अब डोनर ने अपना दिल देकर इस युवा की जान बचा ली है। 30 साल का यह शख्स डीकंपनसेटेड हार्ट फेलियर से गुजर रहा था जबकि उसके परिवारिक हिस्ट्री में अब तक किसी को भी हार्ट की कोई समस्या नहीं आई थी। गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में युवक का अब सफलतापूर्वक हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया है।
बिहार के इस मरीज को चक्कर आने और सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। जांच में पता चला कि उसे डाइलेटेड कार्डियोम्योंपेथि और Left Ventricular Dysfunction है। गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल की तरफ से एक बयान में बताय गया कि जांच में जो लक्षण सामने आईं वो स्थिति मरीज के हार्ट ट्रांसप्लांट की ही सलाह देती है। इसके अलावा यह मरीज अनियंत्रित डायबिटीज और हाईपरटेंशन से भी गुजर रहा था। यह दोनों लक्षण हमारे देश में हृदय रोग के प्रमुख और घातक लक्षणों में से एक हैं। इसके बाद मरीज को हार्ट ट्रांसप्लांट की सलाह चिकित्सकों ने दी थी। इस सफल हार्ट ट्रांसप्लांट को मेदांता गुरुग्राम के Cardiac Surgery के अध्यक्ष डॉक्टर अनिल भान के नेतृत्व में उनकी टीम ने अंजाम दिया।
अस्पताल की तरफ से बताया गया, ‘इस केस में एक दिलचस्प बात यह भी थी कि मरीज युवा था और वो शराब या सिगरेट नहीं पीता था। हृदय रोग को लेकर उसके परिवार की कोई हिस्ट्री नहीं थी। इसके बावजूद उसके दिल की स्थिति काफी गंभीर थी।’ अस्पताल ने कहा, ‘मरीज के भर्ती होने के कुछ ही समय बाद उसे एक डोनर भी मिल गया। वहां एक ब्रेन डेड डोनर मौजूद था। जिसके बाद National Organ and Tissue Transplant Organization (NOTTO) ने उसका दिल इस युवा मरीज को दिया और उसे नई जिंदगी मिल गई।
2000 से ज्यादा लोगों को ट्रांसप्लांट का इंतजार
भान के मुताबिक, हरियाणा में 2,737 लोगों को ऑर्गन ट्रांसप्लांट का इंतजार है। गुरुग्राम में सबसे ज्यादा 462 लोगों को अंग प्रत्यारोपण का इंतजार है। 2,150 लोग अभी एक किडनी का इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा 434 लोग लीवर, 80 लोग हार्ट और 29 लोग लंग ट्रांसप्लांट का इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा 5 लोग आंत ट्रांसप्लांट का भी इंतजार कर रहे हैं।
Source : Hindustan