पटना | डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि मैं 33 साल से सेवा में हूं। 10 जिले में एसपी रहा। 20 जिले में डीआईजी, आईजी रहा। किसी गुंडा को छोड़ने या किसी निर्दोष को फंसाने का एक भी उदाहरण दीजिए, मैं नौकरी छोड़ दूंगा। नहीं करनी फिजूल की जलालत झेलते ऐसी नौकरी। समझौता करने की बजाए मर जाना पसंद करूंगा।’ वह बुधवार की देर शाम फेसबुक लाइव थे। बोले- गोपालगंज ट्रिपल मर्डर कांड में बहुत तरह की बेतुकी बातें फैलाई जा रही हैं।’ डीजीपी, आरोपों से बहुत आहत दिखे। कहा-ऐसे मनोबल गिराया जाएगा, तो कोई कैसे काम करेगा। हत्याकांड में विधायक पप्पू पांडेय का नाम आया है। साजिशकर्ता के रूप में। सबूत मिला, तो यकीन मानिए कार्रवाई होगी। पुलिस पर कोई दबाव नहीं है। अरे, इस कांड में मारे गए लोगों की अंतेष्टि के पहले ही इसके तीन नामजद आरोपी (सतीश पांडेय, मुकेश पांडेय, बटेश्वर पांडेय) गिरफ्तार कर लिए गए। सतीश पांडेय पर 45 केस है।
उन्होंने ट्रिपल मर्डर कांड के बारे में विस्तार से बताया। बोले-9 मई से 26 मई के बीच कुल 5 लोग मारे गए। 2 इस साइड (सतीश पांडेय) के, 3 उस साइड (जयप्रकाश चौधरी) के। शोध-प्रतिशोध का नतीजा। जयप्रकाश चौधरी भी मुन्ना तिवारी (विधायक के मौसेरे भाई) हत्याकांड के साजिशकर्ता हैं। ठीक उसी तरह जैसे विधायक पप्पू पांडेय ट्रिपल मर्डर केस के साजिशकर्ता बताए गए हैं। इन दोनों के मामले में पुलिस सघन जांच कर रही है। सबूत के आधार पर दोनों पर कार्रवाई होगी। बिना सबूत के पुलिस कैसे कार्रवाई कर दे?
इशारों में तेजस्वी को मिली गलत सूचना की चर्चा की : डीजीपी ने कहा-संवैधानिक पद पर बैठे कुछ लोगों को गलत सूचना देकर बरगलाया जा रहा है। जो लोग भी ये सूचना उन तक पहुंचा रहे हैं, वे उनके शुभचिंतक नहीं हो सकते। सतीश पांडेय बेशक अपराधी हैं। मुकेश पर भी कई केस है। लेकिन जिन आधा दर्जन हत्याओं के हवाले विधायक पप्पू पांडेय को नाजद आरोपी बताया गया, वह गलत है। इनमें से किसी की भी हत्या में पप्पू पांडेय नामजद आरोपी नहीं हैं। ध्यान रहे कि तेजस्वी यादव ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस करके इन हत्याओं में पप्पू पांडेय को नामजद आरोपी बताया था। सतीश, पप्पू पांडेय के बड़े भाई हैं।
Input : Dainik Bhaskar