औरंगाबाद: व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय निखिलेश कुमार त्रिपाठी की अदालत ने मा/रपीट मामले की सुनवाई करते हुए सात आ/रोपियों को तीन वर्ष की सजा सुनायी है. वहीं, पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जु/र्माना की राशि नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा का प्रावधान फैसले में सुनाया है. यह फैसला गोह थाना कांड संख्या 4/1983 की भादवि की धारा 148, 323, 452 के तहत सुनाया है. पूरा मामला यह है कि 14 जनवरी 1983 को मामूली वि/वाद को लेकर गांव में मा/रपीट की घ/टना हुई थी.

इस घटना स संबंधित प्राथमिकी थान में राजनंदन बिंद के बयान पर दर्ज करायी गयी थी, इसमें कई लोगों को आरोपित बनाया था. न्यायालय में 37 वर्षों तक चली सुनवायी के बाद रामरच विंद, राजदेव विंद, परशुराम विंद, शिवरती विंद, गेंदा पासवान, गुरुचरण पासवान, भुनेश्वर पासवान सभी निवासी झिकटिया को तीन साल की सजा सुनायी और जुर्माना लगाया. जबकि, दुधश्वर विंद, कपिल मिस्त्री, बिरजा बरई को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. इस कांड में एपीपी महेंद्र प्रसाद सिह न बहस किया. फैसला से संबंधित जानकारी अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने दी है.

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