4 महीने से शहर के कई इलाकाें में लाेगाें के घरों तक बारिश व नाले का गंदा पानी घुसा हुअा है। आनंदपुरी मोहल्ले के लाेग दुर्दशा झेल रहे हैं। बदबू से जीना मुहाल है। कीड़े-मकाेड़ाें का प्रकाेप बढ़ गया है। बीमारियां फैलने की आशंका से डरे माेहल्लेवासियाें ने रविवार की सुबह आपात बैठक कर 7 अक्टूबर से अामरण अनशन की चेतावनी दी।
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अधिवक्ता अरुण शुक्ला ने कहा कि उन्हाेंने नगर आयुक्त को पत्र लिख यह बता दिया है कि 7 अक्टूबर की सुबह 10 बजे तक पानी नहीं निकला ताे 1 बजे से माेहल्ले के लाेग नगर निगम परिसर में आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। पत्र में कहा गया है कि इसकी सारी जवाबदेही नगर निगम प्रशासन की होगी। सूचना डीएम, एसएसपी, एसडीओ, डीएसपी, थानाध्यक्ष को भी दे दी गई है। उधर, वार्ड 7 की पार्षद सुषमा देवी ने कहा कि पूरी स्थिति से अवगत कराने के बावजूद निगम प्रशासन अनदेखी कर रहा है।
बता दें कि मोहल्ले के 200 घर पानी में डूबे हुए हैं। 24 परिवार तो शहर में दूसरी जगह किराए पर मकान ले लिए हैं। कुछ लाेगाें ने संबंधी के यहां शरण ले रखी है। बीएसएनएल से रिटायर्ड इंजीनियर एनके शर्मा पड़ोस के ही दो तल्ला मकान में रह रहे हैं। राजेश कुमार मकान छाेड़ परिवार के साथ माड़ीपुर में, मुकेश कुमार भिखनपुरा में ताे अभय श्रीवास्तव भगवानपुर में किराए के मकान में रह रहे हैं। चोरी के भय से इन सबके मकान में रात में पानी झेलते हुए एक आदमी जाकर सोता है।
काई इस कदर है कि हर दिन लाेग फिसल-फिसल कर गिरते हैं
देख रहे हैं गली की स्थिति। पैदल चलने में भी डर लगता है। काई की वजह से हर दिन लाेग फिसलकर गिरते हैं। ये बातें आनंदपुरी की संगीता देवी समेत कई अन्य लाेगाें ने कहीं। कहा कि शहर में डेंगू फैला हुआ है। ईश्वर माेहल्ले के लाेगाें को बचा रहे हैं। जिस तरह की स्थिति 4 महीने से है, लाेग बीमारियां फैलने की आशंका से भी डरे हुए हैं। कभी कोई ब्लीचिंग भी डालने नहीं आया। पानी सड़ने के बाद काला हो गया है। बदबू निकल रही है। यही अपनी स्मार्ट सिटी है।
रेलवे और निगम के बीच फंसा मामला, डीएम की पहल पर भी निदान नहीं
बीबीगंज-माड़ीपुर रेल ट्रैक के बगल में पहले गड्ढा था। रेल ट्रैक बनाने के लिए जब रेलवे इस गड्ढे काे भर रहा था ताे मोहल्ले के लोगों ने नगर निगम को सूचना दे दी थी। तत्कालीन नगर आयुक्त की अध्यक्षता में 3 जून को रेलवे व निगम अधिकारियाें की बैठक हुई। 4 को अपर नगर आयुक्त ने रेल अधिकारियों के साथ मौके का जायजा लिया। पुन: 9 जून को डीएम की अध्यक्षता में बैठक हुई और 10 को अधिकारियों ने मौके का जायजा लिया। लेकिन, इन बैठकाें के बावजूद निदान नहीं निकला।
50 % ही बाढ़ पीड़ितों काे राशि मिलने पर आक्राेश
बाढ़ प्रभावित पंचायतों में बाढ़ पीड़ितों के बीच 50 प्रतिशत ही राशि मिलने से पीड़ितों के बीच आक्रोश है। इधर, मुखिया संघ ने बैठक कर आमरण अनशन को टालते हुए कहा कि अगर हमारी मांगें पूरी नहीं की जाती है तो आगामी 15 अक्टूबर को पुनः आमरण अनशन करेंगे। माैके पर प्रखंड अध्यक्ष मुखिया असगर अली, मुखिया ललन कुमार, सुनीता भारती, गुड़िया कुमारी, राकेश मोहन, पप्पू तिवारी जगमोहन राम आदि थे।
Source : Dainik Bhaskar