पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर निर्माण पर 460 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके साथ ही कॉरिडोर क्षेत्र के प्राचीन मंदियों को भी संरक्षित कर भव्य स्वरूप दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट की फाइनल डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट अहमदाबाद की कंसल्टेंसी कंपनी एचसीपी ने शुक्रवार को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद को सौंप दी। इस रिपोर्ट में पैसों का आंकलन व ड्राइंग-डिजाइन समेत सचित्र संपूर्ण ब्यौरा और टेंडर डॉक्यूमेंट भी है।
इसका निर्माण डेढ़ साल में पूरा करने का लक्ष्य
कॉरिडोर का डीपीआर 12 जून को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद की बैठक में रखा जाएगा। इसमें पारित होने के बाद इसे शासन को भेजा जाएगा ताकि वित्तीय कमेटियों की संस्तुति के साथ कैबिनेट की स्वीकृति और बजट आवंटन कराया जा सके। हालांकि काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद ने स्टोन वर्क के लिए टेंडर की तैयारी कर रखी है। इसके लिए 15 जुलाई की तिथि तय की गई है। फिलहाल जमीनी कार्य कराए जा रहे हैं। इसका निर्माण डेढ़ साल में पूरा करने का लक्ष्य है। तत्परता के लिहाज से पूरे कार्य को चार चरणों में बांटा गया है। पीएम मोदी के हाथों आठ मार्च को इसकी आधारशिला रखी जा चुकी है।
कुल पांच लाख वर्गफीट क्षेत्रफल के 30 फीसद एरिया में ही निर्माण कराया जाएगा
बनारस की झलक लिए छोटे-बड़े 21 निर्माण कॉरिडोर के दायरे में आ रहे 276 भवनों में अब तक 252 खरीदे जा चुके हैं। शेष की खरीद प्रक्रिया में है। इनके लिए पूर्व में ही 290 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। कुल पांच लाख वर्गफीट क्षेत्रफल के 30 फीसद एरिया में ही निर्माण कराया जाएगा। शेष खुला या हरियाली को समर्पित होगा। डीपीआर में छोटे-बड़े भवन-द्वार समेत 21 कार्यो का जिक्र है। इसमें गोदौलिया गेट, यूटिलिटी ब्लाक, यात्री सुविधा केंद्र (तीन), सुरक्षा दफ्तर, मंदिर परिसर, मंदिर चौक, अतिथि गृह, नीलकंठ पैवेलियन, मुमुक्षु भवन, आध्यात्मिक पुस्तक केंद्र, सिटी म्यूजियम, टायलेट ब्लाक, जलपान केंद्र, वैदिक केंद्र, वाराणसी गैलरी, मल्टीपरपज हाल, पर्यटक सुविधा केंद्र, सांस्कृतिक केंद्र और पांच ब्लाक हैं।
Input:Money Bhaskar