फरवरी के अंतिम दिन की सुबह नेपाल में 5.5 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया, जिसके झटके भारत के बिहार और सिलिगुड़ी सहित अन्य इलाकों में भी महसूस किए गए। राहत की बात यह है कि अब तक किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। भूकंप के बाद नेपाल प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
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नेपाल में भूकंप, बिहार में भी महसूस हुए झटके
नेशनल सेंटर ऑफ सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 5.5 रही, जबकि जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज ने इसे 5.6 दर्ज किया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुबह 2:51 बजे 6.1 तीव्रता का दूसरा भूकंप भी आया, जिसका केंद्र नेपाल के सिंधुपालचौक जिले का भैरवकुंड रहा।
नेपाल के पूर्वी और मध्य भागों में तेज झटके महसूस किए गए। पटना, किशनगंज, कटिहार और आसपास के इलाकों में भी भूकंप का असर दिखा, जिससे लोग रात में ही घरों से बाहर निकलने को मजबूर हुए। कई लोगों ने सिर चकराने और असहज महसूस करने की शिकायत की।
पाकिस्तान में भी आया भूकंप
भूकंप का असर सिर्फ नेपाल और भारत तक ही सीमित नहीं रहा। सुबह करीब 5:14 बजे पाकिस्तान में भी 4.5 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया।
नेपाल के सिंधुपालचौक जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी गणेश नेपाली ने बताया, “भूकंप के झटकों ने लोगों को गहरी नींद से जगा दिया, और वे तुरंत अपने घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, अब तक किसी बड़ी क्षति की खबर नहीं है।”
भूकंप को लेकर विशेषज्ञों ने सतर्कता बरतने की सलाह दी है, खासकर नेपाल में, जहां भूकंप का इतिहास पहले भी गंभीर आपदाओं से जुड़ा रहा है।