राज्य के 78 हजार सरकारी स्कूलों में लगभग 5 लाख शिक्षक और प्रधानाध्यापक मंगलवार से अपनी हाजिरी ई-शिक्षा कोष मोबाइल एप के माध्यम से दर्ज करेंगे। यह नया कदम शिक्षा विभाग द्वारा ऑनलाइन हाजिरी प्रणाली को लागू करने के लिए उठाया गया है, जो राज्य में शिक्षकों की उपस्थिति और निगरानी को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से किया गया है।
शिक्षकों को अब अपनी उपस्थिति दो बार दर्ज करनी होगी
एक बार स्कूल में प्रवेश करने पर और दूसरी बार स्कूल से निकलते समय। जैसे ही शिक्षक एप पर अपनी हाजिरी बनाएंगे, इसकी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को तत्काल प्राप्त हो जाएगी। हालांकि, इस नई प्रणाली को सुचारू रूप से लागू करने के लिए, अगले कुछ दिनों तक शिक्षक और प्रधानाध्यापक अपनी उपस्थिति भौतिक रूप से रजिस्टर पर भी दर्ज करेंगे। यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि किसी भी तकनीकी दिक्कत की स्थिति में उपस्थिति का सही रिकॉर्ड बना रहे। भविष्य में केवल मोबाइल एप के माध्यम से ही हाजिरी दर्ज करने की व्यवस्था रहेगी।
पूरी तैयारी के साथ आगे बढ़ रहा शिक्षा विभाग
शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन हाजिरी दर्ज करने की इस नई व्यवस्था के लिए पूरी तैयारी कर ली है। जिला और प्रखंड स्तर पर भी स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। शिक्षकों को ई-शिक्षा कोष मोबाइल एप से हाजिरी बनाने की प्रक्रिया के बारे में हर जरूरी तकनीकी जानकारी वीडियो क्लिप आदि के माध्यम से दी गई है, ताकि किसी को भी इस प्रक्रिया में दिक्कत न हो।
स्कूल के 500 मीटर के भीतर ही हाजिरी दर्ज
विभागीय पदाधिकारियों के अनुसार, शिक्षक और प्रधानाध्यापक गूगल प्ले स्टोर से ई-शिक्षा कोष एप को अपने मोबाइल पर डाउनलोड करेंगे। सभी शिक्षक अपनी आईडी से एप पर लॉग-इन करेंगे। जिन शिक्षकों के पास शिक्षक आईडी नहीं है या वे इसे भूल गए हैं, वे अपने प्रधानाध्यापक से संपर्क कर इसे प्राप्त कर सकते हैं। एप में लॉग-इन करने के बाद, ‘मार्क अटेंडेंस’ बटन को क्लिक करना होगा। यह एप केवल स्कूल के 500 मीटर के दायरे में ही काम करेगा। शिक्षक और प्रधानाध्यापक आते समय ‘स्कूल इन’ और जाते समय ‘स्कूल आउट’ बटन को क्लिक करेंगे। बटन क्लिक करने के बाद शिक्षक का फोटो और समय भी दर्ज हो जाएगा।
शिक्षा विभाग की निगरानी और तकनीकी सहायता
शिक्षकों को मोबाइल एप से हाजिरी बनाने में किसी तरह की दिक्कत आने पर, शिक्षा विभाग द्वारा तकनीकी सहायता भी प्रदान की जाएगी। इसके लिए एक परियोजना प्रबंधन इकाई गठित की गई है, जिसके पदाधिकारियों के संपर्क नंबर शिक्षकों से साझा किए गए हैं। राज्यभर के स्कूलों की इस नई व्यवस्था की विभागीय स्तर पर मॉनिटरिंग भी की जाएगी। आगे के चरण में स्कूल में बच्चों की उपस्थिति भी इसी एप के माध्यम से प्राप्त की जाएगी। शिक्षा विभाग इस दिशा में भी तैयारी कर रहा है।
प्रतिनियुक्त शिक्षकों के लिए भी व्यवस्था
शिक्षा विभाग ने यह भी कहा है कि जो शिक्षक और प्रधानाध्यापक स्कूल से अन्यत्र किसी सरकारी कार्य के लिए प्रतिनियुक्त हैं, वे ‘मार्क ऑन ड्यूटी’ विकल्प का चयन करते हुए बटन को क्लिक करेंगे। इन शिक्षकों को भी कार्यस्थल पर आने और जाने के समय हाजिरी बनानी अनिवार्य होगी।
इस नई प्रणाली से राज्य के स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति और अनुशासन में सुधार की उम्मीद की जा रही है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।